नई दिल्ली : कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने येस बैंक के खस्ताहाल पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि भारत के पांचवें सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर बैंक येस बैंक के पतन पर सरकार और वित्त मंत्री ने इसको जनता और मीडिया से दूर रखने की पूरी कोशिश की. इसके बावजूद भाजपा सरकार में वित्त संस्थानों का कुप्रबंध जनता के सामने है.
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि येस बैंक की विफलता भाजपा सरकार की निगरानी में वित्त संस्थानों के कुप्रबंध का परिणाम है.
चिदंबरम ने मांग की कि आरबीआई इस मामले की गहन जांच करे और जवाबदेही तय करे.
उन्होंने कहा कि संकटग्रस्त यस बैंक में एसबीआई द्वारा 2,450 करोड़ रुपये का निवेश करके 49 फीसदी हिस्सेदारी लेना विचित्र मामला है.
चिदंबरम ने कहा कि यस बैंक बैंकिंग नहीं कर रहा था बल्कि नियम कायदों को ताक पर रखकर कर्ज बांटने में लगा हुआ था.
कांग्रेस नेता ने कहा कि यस बैंक की इस स्थिति का कारण भाजपा सरकार के तहत वित्तीय संस्थानों का कुप्रबंधन है.
आरबीआई ने यस बैंक पर 30 दिन के लिए पाबंदी लगा दी है और निकासी की सीमा 50,000 रुपये कर दी है.
बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के प्रमुख रजनीश कुमार ने शनिवार को कहा कि संकटग्रस्त येस बैंक के पुनर्गठन के लिए बैंक को योजना का मसौदा प्राप्त हुआ है.
उन्होंने कहा कि बैंक के अधिकारी मसौदा योजना का सावधानी से अध्ययन कर रहे हैं.
कुमार ने यहां संवाददाताओं को बताया, 'हमें येस बैंक के पुनर्गठन के लिए योजना का मसौदा प्राप्त हुआ है. हमारी निवेश एवं कानूनी टीम सावधानी से इसे देख रही है.'
उन्होंने बताया कि कई संभावित निवेशकों ने मसौदा योजना को देखने के बाद एसबीआई का रुख किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि साझेदारों के हित के साथ कोई समझौता नहीं होगा.