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पीएम मोदी से मिलने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने छोड़ा कांग्रेस का 'हाथ' - undefined

मध्य प्रदेश में उच्च राजनीतिक नाटक, जिसने कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को संकट की तरफ धकेल दिया है, उससे उबरने के लिए पार्टी प्रयासरत है. हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के तुरंत बाद कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया

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Published : Mar 10, 2020, 10:55 AM IST

Updated : Mar 10, 2020, 5:46 PM IST

नई दिल्ली : मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार बेहद मुश्किल में है क्योंकि उसके एक कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद सिंधिया ने पार्टी छोड़ दी. इससे पूर्व एजेंसी से मिली जानकारी के मुताबिक सिंधिया ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. आज की मुलाकात के बाद सिंधिया ने भाजपा को अपना समर्थन दे दिया. प्रदेश का राजनीतिक घटनाक्रम काफी तेजी से बदल रहा है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया गृहमंत्री अमित शाह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने उनके आवास पहुंचे थे, जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस को इस्तीफा दिया. दूसरी तरफ कमलनाथ इन सारे मसलों के लेकर आपात बैठक बुलाई है.

भाजपा सूत्रों ने बताया है कि सिंधिया भोपाल में भाजपा की बैठक में भी शामिल हो सकते हैं. सरकार और पार्टी में उनकी और उनके समर्थक विधायकों की क्या भूमिका होगी, यह तय कर लिया गया है.

सूत्रों ने बताया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी में शामिल भी किया जा सकता है. भाजपा इस बात को लेकर आश्वस्त है कि अगले दो-तीन दोनों में कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ जाएगी.

माना जा रहा है कि कांग्रेस के बागी विधायक विधानसभा अध्यक्ष को अपने इस्तीफे भेज सकते हैं. ऐसे विधायकों की संख्या 20 हो सकती है. यानी अगर ऐसा होता है तो कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ जाएगी और इसके बाद शिवराज सिंह चौहान सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं. माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजे जाने के साथ ही उनके कुछ समर्थक विधायकों को मंत्री पद भी दिया जा सकता है.

बता दें कि मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं. कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, जबकि सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 115 है. कांग्रेस को चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और एक समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक का समर्थन हासिल है. इस तरह कांग्रेस के पास कुल 121 विधायकों का समर्थन है. वहीं भाजपा के पास 107 विधायक हैं.

बता दें कि मध्यप्रदेश में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित उनके 27 समर्थक विधायकों के मोबाइल फोन अचानक बंद होने के बाद बुलाई गई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में मौजूद करीब 20 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रति आस्था जताते हुए सोमवार देर रात को अपना इस्तीफा सौंप दिया.

मध्यप्रदेश की मंत्रिमंडल में कुल 28 मंत्री हैं. बताया जा रहा है कि करीब आठ मंत्री सिंधिया के समर्थक हैं जो इस बैठक में मौजूद नहीं थे. उनके इस्तीफे आने बाकी हैं.

इस्तीफा देने के बाद बैठक से बाहर निकलते समय मध्यप्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में हमने मुख्यमंत्री को अपने-अपने इस्तीफे सौंप दिये हैं. अब कमलनाथ नये सिरे से मंत्रिमंडल का गठन कर सकते हैं.'

वहीं, इस्तीफा देने वाले एक अन्य मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘अभी-अभी हमने मंत्रिमंडल बैठक में मुख्यमंत्री को अपने-अपने इस्तीफे सौंपे हैं.' उन्होंने कहा, 'लगभग 20 मंत्रियों ने इस्तीफे दिए हैं.' वर्मा ने बताया, 'मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के प्रति आस्था व्यक्त करते हुए ये इस्तीफे दिये हैं.'

Last Updated : Mar 10, 2020, 5:46 PM IST

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