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'नसबंदी' को लेकर बैकफुट पर सरकार, वापस लिया आदेश

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Published : Feb 21, 2020, 5:56 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 2:28 AM IST

सरकारी कर्मचारियों को पुरुष नसबंदी का टारगेट देने वाला आदेश कमलनाथ सरकार ने वापस ले लिया है. इस आदेश का सरकारी कर्मचारियों ने तो विरोध जताया ही था, बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधना शुरु कर दिया, जिसके बाद तत्काल इस आदेश को वापस ले लिया गया है.

ETV BHARAT
मुख्यमंत्री कमलनाथ

भोपाल : कमलनाथ सरकार के पुरुष नसबंदी मामले में कर्मचारियों को जारी फरमान पर सियासत क्या गरमाई, सरकार ने तो चंद घंटे पहले दिया यह आदेश वापस ले लिया.

सरकार के इस आदेश पर कर्मचारियों ने तो नाराजगी जताई ही थी, साथ ही बीजेपी ने भी निशाना साधना शुरू कर दिया था. ऐसे में सरकार बैकफुट पर चली गई.

राज्य सरकार द्वारा आदेश वापसी का पत्र

मामले में कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि बीजेपी के नेताओं को प्रत्येक मामले में धार्मिक विवाद और धार्मिक विभाजन जैसी बातें नहीं करना चाहिए. स्वास्थ्य विभाग ने एक आदेश त्रुटिवश जारी किया था. जिसमें नसबंदी का लक्ष्य पूरा ना होने पर वेतन वृद्धि रोकने जैसी बातें कही गई थीं, लेकिन उस धार्मिक विभाजन या किसी एक धर्म से कोई लेना-देना नहीं था.

कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव का बयान

सरकार ने वापस लिया आदेश

अजय यादव ने कहा कि जैसे ही सरकार के संज्ञान में यह मामला आया है, तुरंत इस आदेश को वापस ले लिया गया, इस तरह के किसी भी आदेश का पालन नहीं होगा.

अबलक्ष्य पूरा न होने की स्थिति में वेतन वृद्धि पर रोक लगाने संबंधी कार्रवाई नहीं की जाएगी. बीजेपी के नेताओं को अपने पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए और इस तरह की राजनीति से दूरी बनाकर रखना चाहिए.

बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस पूरे मामले को धर्म से जोड़कर कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार संजय गांधी की तर्ज पर काम कर रही है. कमलनाथ इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे के रुप में तानाशाही काम कर रहे हैं. अगर इस तरह लोगों को पकड़कर नसबंदी करोगे तो अन्याय होगा, कमलनाथ सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए यह कानून सभी पर लागू करें.

Last Updated : Mar 2, 2020, 2:28 AM IST

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