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किसानों के समर्थन में कांग्रेस, सरकार की तानाशाही नहीं चलेगी : राशिद अल्वी - सरकार देश के किसानों पर तानाशाही थोपना चाहती है

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि पूरा देश किसानों के साथ एकजुटता से खड़ा है. कांग्रेस भी इसका पूरा समर्थन कर रही है. उन्होंने कहा कि यह विरोध अब एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन गया है और भाजपा तुरंत इन तीन कानूनों को वापस ले. वहीं, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी किसानों के समर्थन में ट्विट किया है.

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Published : Feb 6, 2021, 4:28 PM IST

Updated : Feb 6, 2021, 5:26 PM IST

नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठन देशव्यापी चक्का जाम कर रहे हैं. शनिवार को राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक अवरुद्ध कर दिया गया. कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार अहंकार दिखा रही है और कांग्रेस किसानों के साथ है.

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि मौजूदा सरकार देश के किसानों पर तानाशाही थोपना चाहती है. उन्होंने कहा कि पूरा देश किसानों के साथ एकजुटता से खड़ा है. कांग्रेस भी इसका पूरा समर्थन कर रही है.

उन्होंने कहा कि दो महीने से अधिक समय से ये किसान दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं और असहनीय ठंड का सामना कर रहे हैं. भाजपा के नेता कह रहे हैं कि कांग्रेस किसानों को उकसा रही है. यह विरोध अब एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन गया है और भाजपा तुरंत इन तीन कानूनों को वापस ले.

हम अपने हाथों में फूल लिए लड़ेंगे

सरकार की तानाशाही नहीं चलेगी : राशिद अल्वी
जब प्रदर्शन वाली जगहों पर बैरिकेडिंग और लोहे के कील लगाने का सवाल पूछा गया तो राशिद अल्वी ने जवाब दिया कि यह निराशाजनक और दर्दनाक है कि पुलिस प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए लोहे के कीलों का उपयोग कर रही है. क्या यह लोकतंत्र में तानाशाही नहीं है? किसानों ने इन लोहे के कीलों के आगे फूल लगाकर जवाब दिया.

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सरकार भारत के लोगों पर कितना अत्याचार कर सकती है? उन्होंने सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के दौरान यही काम किया था. हमारे खिलाफ लोहे की कील का इस्तेमाल करें लेकिन हम अपने हाथों में फूल लिए लड़ेंगे और आपको सत्ता से दूर कर देंगे.

भाजपा सिर्फ कांग्रेस पर आरोप लगाती है
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर के एक दशक पुराने ट्वीट को साझा किया, जिसमें उन्हें किसानों को बिचौलियों से छुटकारा दिलाने और निजी क्षेत्रों के अनाज भंडारण में प्रवेश करने की आवश्यकता की वकालत करते देखा गया है. अपने ट्वीट में जावड़ेकर ने कहा कि कृषि कानूनों पर कांग्रेस के पाखंड का एक और खुलासा.

इस पर कांग्रेस नेता अल्वी ने जवाब दिया कि भाजपा के नेता और केंद्रीय मंत्री बार-बार कह रहे हैं कि कांग्रेस खुद इन कानूनों को बनाने जा रही थी. अगर मैं इस दावे को स्वीकार करता हूं तो क्या किसान इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन नहीं करेंगे? लेकिन अगर किसानों ने हमारे कार्यकाल के दौरान कोई विरोध प्रदर्शन किया होता तो हम भाजपा सरकार की तरह अहंकार दिखाने के बजाय उनका समर्थन करते.

कानून के पीछे भाजपा का निजी स्वार्थ
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी आरोप लगाया कि कृषि कानूनों पर विरोध केवल एक राज्य तक सीमित है. किसानों को कांग्रेस शासित पंजाब सरकार ने इसके लिए उकसाया है.

केंद्र सरकार पर हमला करते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि भाजपा सरकार की जिद के पीछे निजी स्वार्थ क्या है कि वे इन कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं. किसान कह रहे हैं कि ये कानून उनके पक्ष में नहीं है लेकिन जिन लोगों के पास कोई खेती नहीं है वे किसानों पर जबरन इसे थोप रहे हैं.

चक्का जाम के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी हिंदी में ट्वीट करके अपना समर्थन जताया. उन्होंने कहा कि अन्नदाता का शांतिपूर्ण सत्याग्रह राष्ट्रीय हित में है, ये तीन कानून न केवल किसान-मजदूरों के लिए हानिकारक हैं, बल्कि लोगों और देश के लिए भी.

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी प्रदर्शनकारी स्थलों पर बैरिकेडिंग की एक तस्वीर पोस्ट करके इस मामले पर केंद्र सरकार पर हमला किया और कहा कि आप डर की दीवार से क्यों डरते हैं?

Last Updated : Feb 6, 2021, 5:26 PM IST

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