दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

लोन माफी प्रक्रिया की जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी गठित की जाए : कांग्रेस

कांग्रेस ने क्रेडिट सुइस रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने पांच वर्षों में बड़े पूंजीपतियों के लगभग 8 लाख करोड़ रुपये माफ कर दिए हैं, लेकिन इसका कोई रिकार्ड नहीं है. जानें विस्तार से...

सुप्रिया श्रीनेत
सुप्रिया श्रीनेत

By

Published : Feb 22, 2020, 10:48 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 5:52 AM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने शनिवार को क्रेडिट सुइस रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने पांच वर्षों में पूंजीपतियों के लगभग 8 लाख करोड़ रुपये माफ कर दिए हैं, लेकिन इसका कोई रिकार्ड नहीं है.

कांग्रेस ने मोदी सरकार से यह भी सवाल किया कि वह कि वह किसानों का ऋण में राहत क्यों नहीं दे सकी. कांग्रेस ने यह भी मांग की कि जिनका कर्ज माफ हुआ है, उनका नाम सार्वजनिक किया जाए ओर लोन माफी प्रक्रिया की जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी गठित की जाए

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, 'सरकार कह रही है कि एनपीए 11.7 प्रतिशत से घटकर 9.2 प्रतिशत हो गया है, जिसके बाद अर्थव्यवस्था में सुधार होना चाहिए, लेकिन सच्चाई यह है कि बैंक बड़े पूंजीपतियों से पैसा वसूल नहीं पा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पूंजीपतियों का लगभग 8 लाख करोड़ रुपये माफ कर दिए हैं और इसका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है.

सुप्रिया श्रीनेत का बयान.

पढ़ें :ट्रंप की यात्रा पर खर्च : प्रियंका गांधी ने पूछा- सरकार ने कितना पैसा दिया?

उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार आर्थिक मुद्दे को उठा रही है. लगातार आर्थिक मुद्दों को उठाने पीछे का मकसद सरकार की नींद हराम करना है, जो खस्ताहाल बैंकिग व्यवस्था को अस्वीकार नहीं करती है.

सुप्रीया ने कहा कि जब भी आप भाजपा सरकार से बैंकिग अर्थव्यवस्था पर प्रश्न किया जाता है तो उनका सिर्फ एक ही जवाब होता है कि यह पिछली सरकार का दोष था. अगर सब पिछली सरकार ने किया तो छह साल से भाजपा ने बैंकिग सुधार के लिए क्या किया.

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आज की तारीख में कुल लोन का लगभग 16 प्रतिशत हिस्सा है. यह हिस्सा तनावग्रस्त संपत्ति बन गया था, जोकि 16 लाख से अधिक था.

उन्होंने कहा कि 2017 में यह आंकड़ा 12 प्रतिशत था, लेकिन अब यह बढ़कर 16 प्रतिशत होगा है. यह जो तनावग्रस्त संपत्ति 4 प्रतिशत की ऊछाल आईं है. यह आर्थिक मंदी का बहुत बड़ा सूचक है.

पढ़ें : कांग्रेस का तंज- 'निकली 69 लाख की वैकेंसी, काम- लाइन में खड़ा होना'

हालिया रिपोर्टों के हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बैंकिंग समस्या भारत को बुरी तरह प्रभावित कर रही है, ऐसी में जब बैंक प्रणाली नहीं सुधरेगी, तब तक भारत की आर्थिक बदहाली का सुलझना लगभग नामुमकिन है.

उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा लोन देना आर्थिक गतिविधियों का सूचक होता है, जब इनमें कमी आती है तो इसका मतलब आर्थिक मंदी होता है.

श्रीनेत ने सरकार से मांग की कि जिनका कर्ज माफ हुआ है उनका नाम सार्वजनिक किया जाए ओर लोन माफी प्रक्रिया की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जाए, जो बैंकिग सेक्टर की वित्तीय व्यवहार्यता और क्षमता का आंकलन करे.

Last Updated : Mar 2, 2020, 5:52 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details