नई दिल्ली: भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को छोड़ दिया. कांग्रेस ने अन्य सभी राजनीतिक दलों को एक साथ जुड़ने और केंद्र सरकार के खिलाफ कृषि बिल का विरोध करने के लिए कहा है.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रमुख कुमारी शैलजा ने जेजेपी को हरियाणा में भाजपा के साथ अपना गठबंधन तोड़ने और किसानों के साथ खड़े होने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि अपनी आंखें खोलें और किसानों के साथ शामिल हों.
पंजाब पीसीसी चीफ सुनील जाखड़ भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे. उन्होंने कहा कि चौधरी देवीलाल की आत्मा आज दुष्यंत चौटाला को इन काले बिलों में भाजपा का समर्थन करते देखते हुए रो रही होगी. यह बिल किसानों को बंधुआ मजदूर बना देगा.
उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी पूछा कि क्या वे 16.70 लाख प्रवासी मजदूरों को वापस लेने के लिए तैयार हैं, जिनमें से 80% पंजाब में खेत-मजदूर के रूप में काम कर रहे है. उन्होंने कहा कि 10 करोड़ आबादी के साथ बिहार में सिर्फ 57 मंडियां हैं, जबकि पंजाब में 3 करोड़ जनसंख्या के साथ 1950 मंडियां हैं. यह सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भागना चाहती है. यह अनुबंध खेती बंधुआ मजदूरी के अलावा और कुछ नहीं है.
कुमारी शैलजा ने कहा कि वाईएसआरसीपी, टीआरएस, जेडीयू, एलजेपी सहित भाजपा के सभी सहयोगियों को किसानों की दुर्दशा और दुख सुनने की जरूरत है, क्योंकि ये बिल किसानों की कमर तोड़ देगा. उन्हें कॉरपोरेट्स की दया पर छोड़ दिया जाएगा.
अकाली दल के एनडीए छोड़ने के फैसले की निंदा करते हुए जाखड़ ने कहा कि पीएम और भाजपा नेताओं ने एक बार भी हरसिमरत कौर से नहीं मिले. एक बार मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद किसी ने भी अकालियों को मिलने का समय नहीं दिया.