नई दिल्लीः केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा है कि पुलवामा आतंकी हमले में खुफिया विभाग की नाकामी नहीं रही है. उन्होंने ये बयान राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में दिया है.
बुधवार को राज्यसभा में दिए गए रेड्डी के बयान के बाद पुलवामा हमले पर एक ताजा विवाद शुरू हो सकता है. रेड्डी ने कहा, 'यह खुफिया विभाग की नाकामी नहीं थी. वास्तव में जम्मू-कश्मीर पिछले 3 दशकों से सीमा पार आतंकवाद से प्रभावित है. लेकिन आतंकवादियों के खिलाफ निरंतर हो रही कार्रवाई से बड़ी संख्या में आतंकियों का असर पिछले कुछ सालों में कम जरूर हुआ है.'
असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने रेड्डी पर अपनी सरकार को बचाने के लिए गलत बयान देने का आरोप लगाया. गोगोई ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि गृह मंत्री यह कैसे कह सकते हैं कि खुफिया विभाग की कोई नाकामी नहीं है. वास्तव में, रेड्डी सरकार को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.'
रेड्डी ने कहा था कि पिछले तीन वर्षों में जम्मू-कश्मीर में 700 से अधिक आतंकवादी मारे गए.
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी के बयान के संबंध में ईटीवी भारत ने वरिष्ठ पत्रकार गौतम लाहिरी से खास बातचीत की. लाहिरी ने कहा कि आतंकियों द्वारा किए गए हमलों की जवाबी कार्रवाई में ही सरकार ने बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसे जवाब दिए. उन्होंने कहा कि सरकार को पुलवामा हमले के बारे में एक रिपोर्ट देनी चाहिए.
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वरिष्ठ पत्रकार गौतम लाहिड़ी ने कहा, 'जब कारगिल हुआ, तो सरकार ने कारगिल समिति की स्थापना की ... इसलिए यह बेहतर है कि सरकार हमले पर स्पष्ट हो.' उन्होंने रॉ और इंटेलिजेंस ब्यूरो पर सरकार द्वारा की गई नियुक्तियों पर भी बात की. उन्होंने कहा कि अरविंद कुमार कश्मीर मामलों से जुड़े मुद्दों को भली भांति समझ सकते हैं.
रॉ और आईबी प्रमुख की नियुक्ति पर प्रतिक्रिया बता दें कि विगत 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद खुफिया विशेषज्ञों, राजनीतिक दलों ने इस आतंकवादी वारदात के पीछे खुफिया विभाग की नाकामी का जिक्र किया था.
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी कहा था कि पुलवामा हमले से पहले खुफिया विभाग ने आगाह किया था.