दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

राज्यसभा चुनाव : असम में कांग्रेस-एआईयूडीएफ की दोस्ती, भुइयां संयुक्त उम्मीदवार - हाफिज बशीर अहमद

राज्यसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही विरोधी दल भी एक दूसरे से नजदीकियां बढ़ाते नजर आने लगे हैं. ऐसा ही नजारा असम में देखा जा रहा है, जहां कांग्रेस और एआईयूडीएफ अपने उम्मीदवार की जीत पक्की करने की कवायद में जुटे हुए है.

etvbharat
कांग्रेस और एआईयूडीएफ के नेता

By

Published : Mar 11, 2020, 8:06 PM IST

नई दिल्ली : कहते हैं न कि सुविधा के अनुसार शादी. कुछ ऐसा ही नजारा राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव के वक्त असम में देखने को मिल रहा है, जहां कांग्रेस और उसके प्रतिद्वंद्वी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ( एआईयूडीएफ) ने हाथ मिला लिया है और दोनों के बीच सर्वसम्मत उम्मीदवार खड़ा करने पर सहमति बन गई है.

कांग्रेस और एआईयूडीएफ ने इस क्रम में ख्यातिनाम बुद्धिजीवी अजीत कुमार भुइयां को अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया है.

आपको बता दें कि 17 राज्यों की 55 राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होने हैं, इनमें असम की तीन सीटें शामिल हैं.

पढ़ें :राज्यसभा की खाली हो रहीं 55 सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव : निर्वाचन आयोग

असम में भुवनेश्वर कलिता और संजय सिंह जहां अपनी सीटों से इस्तीफा दे चुके हैं वहीं बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (बीपीएफ) नेता और सांसद विश्वजीत डेमरी का कार्यकाल जल्द ही खत्म होने वाला है.

126 सीटों वाली असम विधानसभा में 88 सदस्यों के साथ भाजपा (62) और उसके सहयोगी दलों-असम गण परिषद (14) व बीपीएफ (12) को दो सीटें जीतने में कोई दिक्कत पेश नहीं आएगी जबकि विपक्षी कांग्रेस व एआईयूडीएफ ने तीसरी सीट के लिए आपस में हाथ मिलाया है.

विधानसभा सीटों के समीकरण के हिसाब से असम से राज्यसभा में जाने के लिए किसी भी उम्मीदवार को 32 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी. इस प्रकार देखें तो साथ आई कांग्रेस (24) व एआईयूडीएफ (14) के पास संयुक्त रूप से जरूरत से छह विधायक ज्यादा हैं.

कांग्रेस और एआईयूडीएफ असम में ज्यादातर चुनावों में एक दूसरे के खिलाफ लड़ी हैं. हालांकि, नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) जैसे मुद्दे पर दोनों दल करीब आ गए थे.

पढ़ें :भाजपा ने जारी की राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची, मध्य प्रदेश से सिंधिया का नाम

अब राज्यसभा चुनाव में दोनों दलों के एक साथ आने पर ईटीवी भारत ने एआईयूडीएफ के वरिष्ठ नेता हाफिज बशीर अहमद और असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के अध्यक्ष रिपुन बोरा से बातचीत की.

हाफिज बशीर अहमद ने कहा, 'हमने हमेशा यह कोशिश की है कि भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ लड़ने के लिए सभी सेकुलर दलों को एक साथ लाया जाए, हम आगे भी ऐसी ही कोशिश जारी रखेंगे.'

कांग्रेस और एआईयूडीएफ के नेता एक साथ.

उन्होंने कहा कि देश को बचाने के लिए, लोकतंत्र को बचाने के लिए और संविधान की रक्षा के लिए सभी सेकुलर दलों को एक साथ आना चाहिए ताकि सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाले दलों को रोका जा सके.

दूसरी तरफ असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने भी ईटीवी भारत से खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने भी दोनों दलों की नजदीकियों को स्वीकार किया.

बोरा ने कहा, 'हां, यह समय की मांग है. एआईयूडीएफ के साथ आना समय की जरूरत है. हम मुद्दों पर एक साथ आए हैं. कांग्रेस और एआईयूडीएफ दोनों ही सीएए का विरोध करते हैं और राज्यसभा चुनाव में भी हम दोनों एक साथ आए हैं. लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि दोनों पार्टियां विधानसभा चुनाव भी साथ मिलकर लड़ेंगी.'

यह भी पढ़ें- कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की बजाय पेट्रोल की कीमत कम करें पीएम : राहुल

उन्होंने कहा, 'सभी निर्णय परिस्थितियों और राजनीतिक इच्छाओं के आधार पर लिए जाने हैं.' गौरतलब है कि असम में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के असम से राज्यसभा चुनाव लड़ने की चर्चा पर पर बोरा ने कहा कि यह प्रियंका को राज्यसभा उम्मीदवार नहीं बनाए जाने का निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष का था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details