नई दिल्ली : भारतीय पत्रकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी से जुड़े खुलासे के बाद कांग्रेस ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर 'गैरकानूनी ढंग से जासूसी कराने' का आरोप लगाया और कहा कि इस मामले की अदालत की निगरानी में जांच होनी चाहिए.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने उच्चतम न्यायालय से आग्रह किया कि वह इस मामले पर तत्काल स्वत: संज्ञान ले एवं सरकार की जवाबदेही तय करे.
उन्होंने यह भी दावा किया कि 'अपने ही नागरिकों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार करने वाली यह सरकार' इस देश का नेतृत्व करने का नैतिक अधिकार खो चुकी है.
सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, 'देश ने यह देखा कि भारत सरकार की एजेंसियां देश के नागरिकों की गैरकानूनी और असंवैधानिक ढंग से जासूसी कर रही हैं. इजरायली स्पाईवेयर पेगासस (Pegasus) का इस्तेमाल करके पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों, विपक्षी नेताओं और वकीलों की जासूसी की जा रही है.'
उन्होंने दावा किया कि 1400 लोगों की जासूसी की बात सामने आई है जबकि असल में यह संख्या हजारों में है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार ने इस पूरे मामले पर रहस्यमयी चुप्पी साध रखी है. सिर्फ रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर कहा कि भारत सरकार व्हाट्सएप से पूछ रही है कि जासूसी कैसे हुई. यह 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे' वाली बात हो गई. जासूसी भारत सरकार की एजेंसियां कर रही हैं और उल्टा व्हाट्सऐप से पूछा जा रहा है कि जासूसी कैसे हुई है.
उन्होंने सवाल किया, 'सरकार की कौन सी एजेंसी है, जिसने इजरायली सॉफ्टवेयर खरीदा है? इस जासूसी सॉफ्टवेयर को खरीदने की इजाजत प्रधानमंत्री ने दी या राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने दी?
उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, विपक्षी नेताओं और वकीलों की मर्जी के बगैर उनकी जासूसी की गई. जिम्मेदार लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है?