दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

कांग्रेस का मोदी सरकार पर 'जासूसी' का आरोप, अदालत की निगरानी में जांच की मांग

व्हाट्सएप स्पाइवेयर विवाद पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आई है. कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर लोगों की जासूसी कराने का आरोप लगाया है. जानें पूरा विवरण...

रणदीप सुरजेवाला

By

Published : Nov 1, 2019, 12:04 AM IST

नई दिल्ली : भारतीय पत्रकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी से जुड़े खुलासे के बाद कांग्रेस ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर 'गैरकानूनी ढंग से जासूसी कराने' का आरोप लगाया और कहा कि इस मामले की अदालत की निगरानी में जांच होनी चाहिए.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने उच्चतम न्यायालय से आग्रह किया कि वह इस मामले पर तत्काल स्वत: संज्ञान ले एवं सरकार की जवाबदेही तय करे.

उन्होंने यह भी दावा किया कि 'अपने ही नागरिकों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार करने वाली यह सरकार' इस देश का नेतृत्व करने का नैतिक अधिकार खो चुकी है.

सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, 'देश ने यह देखा कि भारत सरकार की एजेंसियां देश के नागरिकों की गैरकानूनी और असंवैधानिक ढंग से जासूसी कर रही हैं. इजरायली स्पाईवेयर पेगासस (Pegasus) का इस्तेमाल करके पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों, विपक्षी नेताओं और वकीलों की जासूसी की जा रही है.'

उन्होंने दावा किया कि 1400 लोगों की जासूसी की बात सामने आई है जबकि असल में यह संख्या हजारों में है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार ने इस पूरे मामले पर रहस्यमयी चुप्पी साध रखी है. सिर्फ रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर कहा कि भारत सरकार व्हाट्सएप से पूछ रही है कि जासूसी कैसे हुई. यह 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे' वाली बात हो गई. जासूसी भारत सरकार की एजेंसियां कर रही हैं और उल्टा व्हाट्सऐप से पूछा जा रहा है कि जासूसी कैसे हुई है.

उन्होंने सवाल किया, 'सरकार की कौन सी एजेंसी है, जिसने इजरायली सॉफ्टवेयर खरीदा है? इस जासूसी सॉफ्टवेयर को खरीदने की इजाजत प्रधानमंत्री ने दी या राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने दी?

उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, विपक्षी नेताओं और वकीलों की मर्जी के बगैर उनकी जासूसी की गई. जिम्मेदार लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है?

सुरजेवाला ने कहा कि इस मामले की अदालत की निगरानी में जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'हम उच्चतम न्यायालय से आग्रह करते हैं कि वह इन गैरकानूनी गतिविधियों का स्वत: संज्ञान ले और इस सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करे.'

दरअसल, फेसबुक के स्वामित्व वाली कम्पनी व्हाट्सएप ने कहा है कि इजरायल स्पाईवेयर 'पेगासस' के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयां वैश्विक स्तर पर जासूसी कर रही हैं. भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं.

व्हाट्सएप ने कहा है कि वह एनएसओ समूह के खिलाफ मुकदमा करने जा रही है. यह इजरायल की निगरानी करने वाली कम्पनी है. समझा जाता है कि इसी कम्पनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है, जिसके जरिये अज्ञात इकाइयों ने जासूसी के लिए करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किए हैं.

चार महाद्वीपों के उपयोगकर्ता इस जासूसी का शिकार बने हैं. इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं.

हालांकि, व्हाट्सएप ने यह खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन हैक किये गये हैं.

पढ़ें - सरकार ने व्हाट्सएप से मांगी रिपोर्ट, पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की आशंका

सुरजेवाला ने एक अन्य खबर का हवाला देते हुए डेटा जालसाजी को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार बनने के बाद से डेटा चोरी और डेटा से जुड़ी जालसाजी आम बात हो गयी है. क्या यही वजह है कि मोदी जी डेटा को नया तेल (भाजपा मशीन के लिए) कहते हैं?'

उन्होंने कहा, '13 लाख भारतीय पेमेंट कार्ड के विवरण 'डार्क वेब' पर बिक्री के लिए उपलब्ध हैं, जिससे कार्ड धारकों के एक और जालसाजी का निशाना बनने का खतरा है.'

(पीटीआई इनपुट)

ABOUT THE AUTHOR

...view details