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हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल का सीकर में अंतिम संस्कार, केंद्र ने दिया शहीद का दर्जा

दिल्ली में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के दौरान मारे गए हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल का बुधवार को राजस्थान के सीकर में उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस दौरान सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने रतनलाल के परिजनों के सामने घोषणा की कि केंद्र सरकार ने उन्हें शहीद का दर्जा दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

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हेड कांस्टेबल रतनलाल का पार्थिव शरीर ग्रामीणों ने रोका

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Published : Feb 26, 2020, 10:30 AM IST

Updated : Mar 2, 2020, 2:56 PM IST

सीकर : दिल्ली हिंसा में मारे गए दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल को शहीद का दर्जा दिया गया है. सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने यहां रतनलाल के परिजनों के सामने इस आशय की घोषणा की. उनकी घोषणा के बाद रतनलाल की शवयात्रा शुरू हुई और उनका अंतिम संस्कार किया गया.

सुमेधानंद ने मीडिया को यह भी जानकारी दी कि रतनलाल के परिजनों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद प्रदान की जाएगी. साथ ही उनकी पत्नी या परिवार के किसी सदस्य को उसकी अर्हता के अनुरूप सरकारी नौकरी दी जाएगी. उधर दिल्ली सरकार ने भी रतनलाल के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को नौकरी का एलान किया है.

इससे पहले हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल का पार्थिव शरीर पैतृक गांव के समीप पहुंचने के साथ ही आक्रोशित ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया था. ग्रामीण उन्हें शहीद का दर्जा देने की मांग कर रहे थे.

हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग

गौरतलब है कि दिल्ली हिंसा के शिकार हुए दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल का शव तीसरे दिन अलसुबह उनके गांव लाया गया, जहां तिहावली गांव के तीन किमी पहले ही लोगों ने शव वाहन को रोककर नेशनल हाईवे जाम कर दिया. रतनलाल को शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर लोग साढ़े पांच घंटे तक नेशनल हाईवे पर डटे रहे. करीब साढ़े पांच घंटे बाद सीकर सांसद सुमेधानंद ने रतनलाल को शहीद का दर्जा देने की घोषणा की तो परिजन व ग्रामीण माने. इसके बाद शव को घर लाया गया. वहीं सीकर सांसद सुमेधानंद ने एक करोड़ का पैकेज और पत्नी को योग्यतानुसार सरकारी नौकरी देने की घोषणा की.

हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल को शहीद का दर्जा

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करीब एक घंटे के क्रियाकर्म के बाद रतनलाल की अंतिम यात्रा शुरू हुई. अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोग उमड़े और पूरी यात्रा में शहीद रतनलाल अमर रहे, वंदेमातरम व भारत माता के गगनभेदी जयकारे लगातार लगाते रहे. अंतिम संस्कार स्थल पर दिल्ली पुलिस के जवानों ने गार्ड ऑफ आनॅर देकर रतनलाल को अंतिम सलामी दी. 6 साल के इकलौते बेटे विरेन ने शव को मुखाग्रि दी.

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वहीं इससे पहले धरनास्थल पर सांसद नरेंद्र खीचड़, सुमेधानंद सरस्वती, विधायक हाकम अली खान, पूर्व विधायक नंदकिशोर महरिया पहुंचे तथा शहीद का दर्जा देने की मांग का समर्थन दिया. इसके बाद सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने दिल्ली में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किशन सिंह रेड्डी से फोन पर वार्ता की. लेकिन ग्रामीण लिखित आश्वासन की मांग पर अड़े रहे. इसके बाद संदेश आने पर ग्रामीण शव के दाह संस्कार के लिए राजी हुए. शहीद रतनलाल की अंतिम यात्रा में भारी भीड़ उमड़ी पड़ी.

वहीं जब शहीद रतनलाल का शव घर लाया गया तो कोहराम मच गया. पत्नी, मां, बहन सहित अन्य परिवार की महिलाएं बेसुध हो गईं. रतनलाल की दोनों बेटियों और बेटे का भी बुरा हाल था.

Last Updated : Mar 2, 2020, 2:56 PM IST

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