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जानिए, इस बार स्वतंत्रता दिवस समारोह में क्या रहा अलग

स्वतंत्रता दिवस की 74वीं वर्षगांठ इस साल कुछ अलग रही. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी सोशल डिस्टेंसिंग सहित स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) के सभी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन हुआ. खास इंतजामों के साथ पीएम नरेंद्र मोदी का भाषण हुआ. लाल किला परिसर की सुरक्षा में लगाए गए जवानों को पहले से क्वारंटाइन किया गया था.

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स्वतंत्रता दिवस की 74वीं वर्षगांठ

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Published : Aug 15, 2020, 3:18 PM IST

नई दिल्ली :पूरा देश आज 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, लेकिन इस बार इस खास दिन को बहुत अलग तरीके से मनाया जा रहा है, कारण है कोरोना महामारी. लेकिन फिर भी देशवासियों के जोश और जुनून के आगे इस महामारी ने भी हार मान ली. भीड़ तो कम दिखी, लेकिन जोश कतई कम नहीं रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच देश की जनता को संबोधित किया.

कोरोना वायरस ने जीवन के हर तौर तरीके को बदलकर रख दिया है. ऐसे में जहां पहले ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए लोगों की अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिलती थी, आज स्थिति बिल्कुल उलट है.

कोरोना के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए गिने-चुने लोग स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रमों में शामिल हुए.

लाल किले पर इस बार विशेष इंतजामों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण हुआ. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी सोशल डिस्टेंसिंग सहित स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) के सभी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन हुआ.

महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद लाल किला पहुंचे पीएम
राजघाट में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किला पहुंचे. यहां 41 फिट ऊंचे और 24 फिट चौड़े लाहौरी गेट से होकर वह लाल किले की प्राचीर पर पहुंचे. प्राचीर पर तिरंगा फहराने के बाद सुबह साढ़े सात बजे से नौ बजे तक डेढ़ घंटे लंबा भाषण दिए. प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियों और वीर शहीदों को नमन करते हुए भाषण की शुरुआत की.

आत्मनिर्भर भारत
आत्मनिर्भर भारत, कोरोना वायरस की चुनौती और विकासीय योजनाओं पर उनका भाषण केंद्रित रहा. प्रधानमंत्री मोदी ने नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, नई साइबर सिक्योरिटी नीति, आधारभूत संसाधनों के निर्माण पर 100 लाख करोड़ रुपये के खर्च सहित करीब 10 बड़ी घोषणाएं कीं.

सीमित संख्या में रहे मेहमान
इस बार मेहमान सीमित संख्या में बुलाए गए थे. कोरोना के कारण पहली बार स्कूली बच्चे भी लाल किला परिसर में होने वाले इस राष्ट्रीय समारोह में नहीं बुलाए गए थे. इससे पूर्व के आयोजनों के दौरान प्रधानमंत्री भाषण खत्म कर बच्चों के बीच जाकर मिलते थे. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका.

दूर से हाथ जोड़कर हुआ अभिवादन
लाल किला परिसर में मेहमानों की कुर्सियों के बीच करीब छह-छह फीट की दूरी बनाई गई थी. हर कुर्सी पर सैनिटाइजर की व्यवस्था रही. मेहमानों के लिए मास्क अनिवार्य किया गया था. इस बार नेताओं ने एक दूसरे से हाथ मिलाने की जगह दूर से ही हाथ जोड़कर एक दूसरे का अभिवादन किया.

सूत्रों ने बताया कि लाल किला परिसर की सुरक्षा में लगाए गए जवानों को पहले से क्वारंटाइन किया गया था, ताकि 15 अगस्त को तैनाती के समय तक वह पूरी तरह से स्वस्थ रहें.

जानें कौन थे मेहमान
मेहमानों में वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री पहली कतार में बैठे थे. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव प्रमुख रूप से मौजूद रहे. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद भी इस समारोह में पहुंचे थे.

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