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चीन सीमा तक भारतीय सेना की पहुंच हुई आसान, जानें कैसे

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले डबल लाइन बॉर्डर रोड और पुनार पुल का शुभारम्भ करने जोशीमठ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बीआरओ के कार्यों की सराहना की. इस मार्ग के बनने से रिमखिम तक सैन्य वाहन जा सकेंगे, जो सुरक्षा के लिहाज से भारत का बड़ा कदम है.

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भारत चीन सीमा मार्ग का उद्घाटन

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Published : Dec 24, 2019, 11:36 PM IST

देहरादून : बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने एक बड़ी सफलता हासिल की है, जिसके तहत बीआरओ ने तय समय से पहले भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले जोशीमठ-रिमखिम डबल लाइन बॉर्डर रोड का निर्माण पूरा कर लिया. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को इस डबल लाइन रोड और पुनार पुल का शुभारंभ किया. सामरिक दृष्टि से देश की सुरक्षा को लेकर इस रोड का बहुत महत्व है. चीन लंबे वक्त से इस सड़क मार्ग के निर्माण का विरोध कर रहा था.

बीआरओ के शिवालिक प्रोजेक्ट के तहत ₹265 करोड़ की लागत से निर्मित 62.66 किलोमीटर डबल लाइन बॉर्डर रोड का निर्माण हुआ है. वहीं पुनार पुल का निर्माण 4 करोड़ 94 लाख 30 हजार की लागत से किया गया. इस सड़क निर्माण से अब भारतीय सेना और आईटीबीपी की पहुंच चीन सीमा तक आसान हो गई है.

भारत-चीन मार्ग का उद्घाटन करते सीएम.

सीएम ने बीआरओ के अधिकारियों को तय समय से पहले पुल निर्माण करने पर बधाई दी और बीआरओ की कार्यशैली की जमकर सराहना की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने जोशीमठ से ही मत्स्य विभाग चमोली की फिश आउटलेट वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

इस वजह से महत्वपूर्ण है जोशीमठ-रिमखिम बॉर्डर मार्ग

अब तक जवानों को चौकियों तक पहुंचने के लिए सुमना से रिमखिम तक करीब 20 किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय करनी पड़ती थी. इस दौरान जवानों को साजो सामान पीठ पर लादकर या हेलीकॉप्टर से यहां पहुंचाना पड़ता था. जोशीमठ-रिमखिम मार्ग बनने सेसेना के वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो गई है.

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सामरिक महत्व के इस मार्ग का निर्माण चीन नहीं होने देना चाहता था. फिर भी भारत ने इस खतरनाक मार्ग पर सड़क बना डाली. अब चीन की सीमा मात्र 8 किलोमीटर दूर रह गई है, जहां सेना के जवान आसानी से नजर रख सकते हैं. सुरक्षा के लिहाज से रिमखिम तक सैन्य वाहनों की आवाजाही एक बड़ा कदम है. बीआरओ के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर एएस राठौर ने बताया कि जोशीमठ से रिमखिम बॉर्डर तक डबल लाइन सड़क बनने से अब सफर 3 घंटों में पूरा हो जाएगा, जबकि पहले इस सफल के लिए 10 घंटे लगते थे.

जल्द होगी भूमि बंदोबस्ती की व्यवस्था

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य के दो जनपदों में जल्द ही भूमि बंदोबस्ती की व्यवस्था की शुरुआत की जा रही है, ताकि सैकड़ों वर्षों से गांवों में रह रहे लोगों को उनके अधिकार मिल सके. साथ ही मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में स्टेडियम और वाहन पार्किंग की भी घोषणा की. वहीं आचार्य डॉ. प्रदीप सेमवाल द्वारा आपदा और ज्योतिष पर लिखी पुस्तक का भी विमोचन भी किया .

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