जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में चल रही हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने लिखा कि राज्य में चुनी हुई सरकार को लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विपरीत हॉर्स ट्रेडिंग के माध्यम से गिराने के लिए कुत्सित प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने लिखा कि हमारे संविधान में बहुदलीय व्यवस्था के कारण राज्यों और केंद्र में अलग-अलग दलों की सरकारें चुनी जाती रही हैं. यह हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती ही है कि इन सरकारों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोकहित को सर्वोपरि रखते हुए कार्य किया.
सीएम ने लिखा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार की ओर से 1985 में बनाए गए दल-बदल निरोधक कानून और अटल बिहारी वाजपेयी की ओर से किए गए संशोधन की भावनाओं और जनहित को दरकिनार कर पिछले कुछ समय से लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह जनमत का घोर अपमान और संवैधानिक मूल्यों की खुली अवहेलना है. कर्नाटक और मध्य प्रदेश में हुए घटनाक्रम इसके उदाहरण हैं.
कोविड-19 महामारी के इस दौर में जीवन रक्षा ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. ऐसे में राजस्थान में भी चुनी हुई सरकार को गिराने का कुप्रयास किया जा रहा है. इस कृत्य में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भाजपा के अन्य नेता एवं हमारे दल के कुछ अति महत्वाकांक्षी नेता भी शामिल हैं. इनमें से एक भंवर लाल शर्मा जैसे वरिष्ठ नेता ने भैरोंसिंह शेखावत सरकार को भी (भाजपा नेता होने के बावजूद) विधायकों की खरीद-फरोख्त कर गिराने का प्रयास किया था. धनराशि तक कई विधायकों तक पहुंच चुकी थी. तब मैंने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष के नाते तत्कालीन राज्यपाल बलिराम भगत एवं प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हाराव से व्यक्तिशः मिलकर विरोध किया कि इस प्रकार खरीद-फरोख्त कर चुनी हुई सरकार को गिराना लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध है. ऐसे षडयंत्र आम जनता के साथ धोखा हैं.