जयपुर :राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बारां में दो नाबालिग लड़कियों के साथ ज्यादती मामले की तुलना हाथरस घटना से करने पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि यह तुलना दुर्भाग्यपूर्ण है. सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान के बारां में हुई घटनाओं की तुलना हाथरस घटना से की जा रही है, जबकि बारां में लड़कियों ने स्वयं मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान में ज्यादती नहीं होने और मर्जी से लड़कों के साथ घूमने जाने की बात कही है. साथ ही बालिकाओं का मेडिकल भी करवाया गया. हाथरस की घटना बेहद निंदनीय है, जितनी निंदा की जाए उतनी कम है.
अशोक गहलोत ने कहा कि जांच में सामने आया कि लड़के भी नाबालिग हैं. मामले की जांच अभी पूरी नहीं हुई है, जांच आगे भी जारी रहेगी. सीएम गहलोत ने कहा कि घटना होना एक बात है और कार्रवाई होना दूसरी बात है. वहीं उन्होंने कहा कि घटना हुई तो कार्रवाई भी तत्काल होगी. इस केस को विपक्ष हाथरस जैसी दुखद घटना से तुलना करके प्रदेश और देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहा है.
बता दें कि बारां में नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म की घटना सामने आई थी. इस घटना को लेकर विपक्ष ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस आलाकमान उत्तर प्रदेश के हाथरस की घटना पर बयान जारी करने से पहले राजस्थान में हो रही घटनाओं को लेकर संज्ञान ले. साथ ही कहा था कि यूपी में जिस तरह की घटना हुई है. राजस्थान के बारां जिले में भी हुई है, लेकिन कांग्रेस आलाकमान उस पर मौन है. इस पूरे मामले की जानकारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए दी.
क्या है पूरा मामला?
बारां कोतवाली थाना इलाके में 18 सितंबर की रात को दो बहनें घर से गायब हो गई थीं. दोनों लड़कियों की उम्र 13 और 15 साल है. लड़कियों के पिता ने 19 सितंबर को पुलिस में बहला-फुसलाकर लड़कियों को ले जाने का केस दर्ज करवाया था, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों को 20 सितंबर को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, लेकिन लड़कियों ने कोर्ट में बयान दिया कि वे अपनी मर्जी से घर से गई थीं.