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गंगा की सफाई अब 2022 तक पूरी हो सकेगी, NMCG ने तय की नई समय सीमा

राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना ऐसा कोई उदाहरण पेश नहीं कर सकी है, जो नदियों को संरक्षित करने के मामले में अनुकरणीय साबित हो सके. यह सही है कि गंगा नदी को साफ करने का अभियान कुछ उम्मीद दिखा रहा है, लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि इस अभियान की सफलता का इंतजार लंबा होता जा रहा है. पढे़ं पूरा विवरण...

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Published : Nov 5, 2019, 11:32 PM IST

स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) ने भारत की राष्ट्रीय नदी गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए एक नई समय सीमा तय की है. मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्र ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अब 2022 तक गंगा की सफाई होगी.

मिश्र ने कहा, '2022 तक स्वच्छ गंगा मिशन की सभी परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी, हालांकि उत्तराखंड और झारखंड में परियोजनाएं पूरी होने के करीब हैं जबकि बिहार, उत्तर प्रदेश और बंगाल में अभी कम से कम दो साल लग सकते हैं,

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्र.

उन्होंने कहा, 'यह एक बहुत बड़ी परियोजना है और पांच साल में पूरा हो जाएगाी, हालांकि, हमें मिशन को पूरा करने में थोड़ा समय लग रहा है.'

गौरतलब है कि 20 हजार करोड़ रुपये के अनुमानित खर्च के साथ स्वच्छ गंगा मिशन ने 2015 में नमामि गंगे नाम से एक योजना की शुरुआत की थी, उम्मीद थी कि मिशन 2019 तक पूरा हो जाएगा. हालांकि, बाद में इसे 2020 तक बढ़ा दिया गया था.

बता दें कि गंगा को साफ करने के लिए एक्शन प्लान 1986 से शुरू हुआ था और इसमें 2014 तक, 4,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन अब भी भारत की राष्ट्रीय नदी साफ नहीं है.

राजीव रंजन ने कहा, 'मिशन में और मजबूती लाने के लिए, राष्ट्रीय गंगा परिषद (NGC) को राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (NDABA) में बदला गया था. और यह परियोजना कई हद तक सफलता हासिल करने में सक्षम रही.'

बता दें कि पांच गंगा बेसिन राज्यों के मुख्यमंत्री - उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल एनजीसी के सदस्य हैं.

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उन्होंने परियोजना के संदर्भ में कहा, 'प्रगति अच्छी है और अब हमारे पास पिछले 28 से 150 सीवरेज सेक्टर परियोजनाएं हैं, इनमें 45 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 20 अगले कुछ महीनों में पूरी हो जाएंगी.

मिश्र ने कहा कि स्वच्छ गंगा मिशन में जागरूकता पैदा करने के लिए राफ्टिंग अभियान चलाया जा रहा है. 'राफ्टिंग अभियान' 10 अक्टूबर को शुरू किया गया था और 12 नवम्बर तक इसका समापन किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि बढ़ती आबादी और अनुपचारित सीवरेज प्रदूषित नदी का प्रमुख कारण है.

उन्होंने कहा, 'हम नवीनतम तकनीकों के साथ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित कर रहे हैं.' साथ ही उन्होंने औद्योगिक प्रदूषण को प्रदूषित गंगा का एक और बड़ा कारण बताया है.

मिश्र ने कहा कि स्वच्छ गंगा मिशन विभाग ने मौजूदा एसटीपी और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) को अपग्रेड करने की प्रक्रिया शुरू की है. उन्होंने बताया कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के साथ मिलकर इस संबंध में यमुना के किनारे एक जैव विविधता पार्क विकसित किया जाएगा.

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