नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा बीते शनिवार को पेश बजट को लेकर किसान नेता चौधरी पुष्पेंद्र सिंह ने कहा है कि यह बजट पूरी तरह से खोखला है. इस बजट से सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने दावा तो संभव नहीं हो सकेगा.
किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष चौधरी पुष्पेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का दावा वर्ष 2016 में किया था और 2022 तक इसको पूरा किया जाना है, जो संभव नहीं है.
उन्होंने कहा कि मौजूदा कृषि विकास दर को देखते हुए ये दावे खोखले लगते हैं और 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर पाना इस बजट के साथ तो संभव नहीं हो सकेगा.
ईटीवी भारत से बात करते किसान नेता चौधरी पुष्पेंद्र सिंह. किसान नेता पुष्पेंद्र ने कहा कि पिछली बार जहां कुल बजट का 12% कृषि और ग्रामीण क्षेत्र को दिया गया था वहीं इस बार 11% ही दिया गया है.
इतना ही नहीं, किसानों की आय दोगुनी करने के दावे पर भी चौधरी पुष्पेंद्र सिंह ने सरकार को घेरते हुए कहा कि आज देश में जो कृषि विकास दर है, वह 3% के आसपास है.
वहीं, दुग्ध उत्पादन और मछली पालन को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार ने इन दोनों विभागों के लिए केवल 4114 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जबकि इसका बजट कम से कम 40 हजार करोड़ रुपये होना चाहिए था.
पढ़ें - सर्वेक्षण : 43 प्रतिशत लोगों का मत, बजट के बाद महंगाई नहीं होगी कम
चौधरी पुष्पेंद्र ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 16 सूत्रीय फार्मूले पर कहा कि वास्तव में सरकार ने पिछली बार की तुलना में इस बार बजट को घटाया है. ऐसे में कोई बड़ी क्रांति नहीं होने वाली है.
इसके अलावा कृषि क्षेत्र में ऋण सुविधा को बढ़ाकर 15 लाख करोड़ करने के फैसले का किसान नेता ने स्वागत तो किया, लेकिन ध्यान में रखना चाहिए कि यह किसानों को दिया गया कर्ज होगा जो कि उन्हें ब्याज समेत वापस भी करना होगा. यह कोई बजटीय आवंटन नहीं है.