नई दिल्ली: बीजेपी मुख्यालय में भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र को जारी करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'हम संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित करने की कोशिश करेंगे.'
माना जा रहा है कि नागरिकता संशोधन कानून से असम में बीजेपी की चुनावी संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं. हालांकि, व्यापक जनहित के मद्देनजर ये बीजेपी की रणनीति भी साबित हो सकती है.
घोषणा पत्र में नागरिकता संशोधन विधेयक शामिल करने को लेकर वरिष्ठ पत्रकार और पूर्वोत्तर मामलों के जानकार दीपक दीवान ने ईटीवी भारत से बात की. उन्होंने कहा कहा, 'पश्चिम बंगाल में हिंदू वोट के कारण भाजपा ने विधेयक शामिल कर इस पर जोर दिया है. हालांकि, यह भी सच है कि इस बिल को लागू करने के लिए केन्द्र सरकार काफी हद तक राज्य पर निर्भर है.'
वरिष्ठ पत्रकार दीपक दीवान ईटीवी भारत से बात करते हुए बता दें कि भाजपा ने अपने घोषणापत्र में सभी हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख को उन देशों में धार्मिक प्रताड़ना के आधार पर भारत में नागरिकता देने की बात कही है.
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दीवान ने कहा, 'पूर्वोत्तर में ये एक भावनात्मक मुद्दा है. यह अच्छा है कि बीजेपी ने लोगों तक पहुंचने और हितधारकों के साथ चर्चा करने की बात कही है.' उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक का अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नागालैंड में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. हालांकि, अन्य राज्यों में सत्ता पक्ष की ओर से भी कड़ी आपत्तियां हैं.
दीवान ने बताया 'अरुणाचल, मिजोरम और नगालैंड में इनर लाइन परमिट (ILP) है. ऐसे में मुझे नागरिकता विधेयक कोई खतरा नहीं लगता. मेघालय की सरकार इसके खिलाफ है, ऐसे में असम के चुनावी नतीजों पर इसका असर पड़ सकता है.'
बता दें कि सरकार के नियमों के तहत पूर्वोत्तर राज्यों में ILP जरूरी होता है. इसके तहत अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते इलाकों में आवाजाही पर विनियमन किया जाता है.