नई दिल्ली:भारतीय जांच एजेंसियों ने नकली नोटों पर लगाम लगाने के लिए कठोर मानदंड निर्धारित किए हैं. फिर भी, फेक इंडियन करेंसी नोट (FICN) का प्रचलन जारी है. जाली नोटों के चलन को रोकना केंद्रीय गृह मंत्रालय के लिए चुनौती होता जा रहा है.
असम पुलिस ने बुधवार को बड़े नकली मुद्रा गिरोह के दो सदस्यों को डारंग जिले के फकीरपारा इलाके से गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से 500 रुपये के छह सौ नकली नोट बरामद हुए हैं.
असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गिरोह के सदस्य सीमा पार से नकली भारतीय नोट देश में सप्लाई करते थे. अधिकारी ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर सीमावर्ती जिलों के अधिकारियों को सतर्क कर दिया गया है.
बांग्लादेश से नकली भारतीय मुद्रा की सप्लाई भारत के लिए हमेशा चिंता का विषय रही है. भारत और बांग्लादेश ने नकली नोटों की तस्करी और चलन को रोकने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में नकली नोटों की जब्ती 2018 की तुलना में 2019 में 11.7 प्रतिशत बढ़ी है. आंकड़ों के अनुसार, 2019 में 25.39 करोड़ रुपये मूल्य की नकली नोट जब्त किए गए, जबकि 2018 में 17.95 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे.
नकली नोटों का चलन केंद्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि नवंबर 2016 में की गई नोटबंदी का एक उद्देश्य नकली नोटों के प्रचलन को रोकना था. पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के बाद सरकार ने दावा किया था कि नए 2000 रुपये के नोट में कई उच्च सुरक्षा विशेषताएं हैं.
साल 2019 में 2000 रुपये के 90,566 नकली नोट जब्त किए गए हैं. कर्नाटक (23,599), गुजरात (14,494) और पश्चिम बंगाल (13,637) से सबसे अधिक 2000 के नकली नोट बरामद किए गए हैं.