हैदराबाद : चीन के सिनसिनाटी चिल्ड्रन संस्थान में एक मॉडल ट्रांसजेनिक माउस विकसित किया गया है. यह मॉडल बच्चों को होने वाली घातक बीमारी एचएलएच (हीमोफैगोसइटिक लिम्फोहिस्टिओसाइटोसिस) पर आधारित है. बताया जा रहा है कि यह कोरोना के इलाज में कारगर साबित हो सकता है.
सिनसिनाटी चिल्ड्रन के कैंसर रोग विशेषज्ञ गैंग हुआंग ने सफलतापूर्वक एक छोटा सा क्लीनिकल परीक्षण किया. एचएलएच बीमारी के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा को जब कोरोना रोगी को दिया गया तो रोगी को सांस लेने की दिक्कत में राहत महसूस हुई और मल्टी सिस्टम की सूजन में कमी आई. एलर्जी और क्लीनिकल इम्यूनोलॉजी के जर्नल में इसे प्रकाशित किया गया है.
चीन के वुहान में नौ फरवरी और 28 फरवरी के बीच गंभीर रूप से बीमार 43 कोरोना संक्रमित मरीजों पर यह शोध किया गया. इस अध्ययन को टोंगजी मेडिकल कॉलेज और वुहान के हुजहोंग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस में हेमाटोलॉजी विभाग के एमडी जियानफेंग झोउ के नेतृत्व में किया गया. झोउ सिनसिनाटी चिल्ड्रेन के एचएलएच सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के कैंसर और रक्त रोग संस्थान में लंबे समय से सहयोगी हैं
रूक्सोलिटनिब दवा का हुआ फायदा
रूक्सोलिटनिब लेने वाले 21 मरीजों को चुना गया जिन्हें एंटी इंफ्लामेट्री दवा की पांच एमजी की दो खुराक रोज मुंह से देने के लिए कहा गया. रिपोर्ट में बताया गया कि रक्सोलिटनिब लेने वाले मरीजों की सेहत में तेजी से सुधार हुआ.
अन्य मरीजों की तुलना में रुक्सोलिटनिब के साथ इलाज किए गए मरीजों की सेहत में ज्यादा तेजी से सुधार होता हुआ दिखाई दिया. शोधकर्ताओं ने बताया कि नियंत्रण समूह के नौ प्रतिशत रोगियों की तुलना में, रक्सोलिटनिब के 90 प्रतिशत रोगियों में 14 दिनों के भीतर सीटी स्कैन में सुधार दिखाई दिया. नियंत्रण समूह के तीन रोगियों ने सांस लेने में दिक्कत होने के कारण दम तोड़ दिया. सभी गंभीर रूप से बीमार मरीज जो रुक्सोलिटनिब ले रहे थे वह बच गए.