हैदराबाद : कोविड-19 महामारी से दुनियाभर में स्वास्थ्य, सामाजिक, आर्थिक और न्यायिक चुनौतियां पैदा हो गई हैं. इस महामारी ने सरकारों और व्यवसायों को उनके उपर पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करने के लिए मजबूर कर दिया है.
यह सरकार, न्यायपालिका, व्यापार, उद्योग सहित सभी के लिए कोरोना से पूर्व की प्रणालियों और प्रक्रियाओं की समीक्षा करने का समय है. इसके साथ ही नई तकनीक और प्रौद्योगिकी का उपयोग कर आगे बढ़ने की जरूरत है.
सीआईआई (confederation of indian industry) की रिपोर्ट 'न्याय प्रणाली में प्रौद्योगिकी का उपयोग' यह बताती है कि किस प्रकार भारतीय न्यायिक प्रणाली के कामकाज में तकनीक का उपयोग किया जा सकता है.
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि तकनीक का प्रयोग किस तरह से किया जा सकता है. रिपोर्ट में दिए गए बिंदू कुछ इस प्रकार हैं-
- क्षेत्र का वैश्विक विकास
- विवादों के ऑनलाइन समाधान के लिए व्यवस्था बनाई जाए
- सिविल ट्रायल के विभिन्न चरणों में प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन पर चर्चा
- उन कारकों का विश्लेषण किया जाए जो ई-कोर्ट के कार्यान्वयन को सफल बनाएंगे