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देशभर में क्रिसमस की धूम, बाजारों में रौनक - क्रिसमस का त्योहार

क्रिसमस की धूम देशभर में रही. इस अवसर पर गिरजाघर और सार्वजनिक स्थल रौशन दिखाई दिए. हालांकि, सीएए को लेकर देश के कुछ हिस्सों में इस बार क्रिसमस का त्योहार फीका रहा तो वहीं प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर बधाई दी. पढ़ें पूरी खबर.

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क्रिसमस की धूम

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Published : Dec 25, 2019, 11:53 PM IST

नई दिल्ली : क्रिसमस की धूम देशभर में रही और इस अवसर पर घर, गिरजाघर और सार्वजनिक स्थान रौशन रहे और जिंगल बेल हर जगह गुंजायमान रहा.

बहरहाल असम में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में पर्व फीका रहा जहां प्रदर्शन के दौरान कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों लोग गिरजाघरों, मॉल और शॉपिंग सेंटरों में क्रिसमस मनाने पहुंचे.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि ईसा मसीह की शिक्षाएं दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं.

प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा, 'हम प्रभु यीशु के विचारों को पूरे उत्साह से याद करते हैं. उन्होंने सेवा और दया की भावना को मूर्त रूप दिया और अपना पूरा जीवन मानवता के दुख दर्द को खत्म करने में लगा दिया.'

भारी यातायात की संभावना के मद्देनजर दिल्ली यातायात पुलिस ने मंगलवार को परामर्श जारी कर लोगों से मशहूर गिरजाघर वाले रास्तों पर नहीं जाने की सलाह दी.

असम के एक गिरजाघर के पादरी फादर थॉमस ने कहा, हमारे प्रभु यीशु का पवित्र जन्मदिवस मनाया जाना है लेकिन, इस बार हम हम महज क्रिसमस ट्री की सजावट के साथ यह उत्सव मना रहे हैं.

डिब्रूगढ़ में एक अन्य पादरी ने बताया कि राज्य के विभिन्न स्थानों के निवासियों ने मंगलवार की मध्य रात्रि प्रार्थना में हिस्सा लिया.

क्रिसमस से जुड़े सामानों की बिक्री करने वाले एक दुकानदार मनोहर लाल ने कहा, इस बार ग्राहकों की संख्या बहुत कम है। सीएए प्रदर्शनों से पहले मैंने जो सामान मंगवाए थे वे वैसे ही पड़े हुए हैं और उनके खरीदार बहुत कम हैं.

जोरहाट में इस तरह के सजावट का सामान बेचने वाले हेमंत गोगोई ने कहा, मुझे बुरा नहीं लग रहा कि मेरे सामान नहीं बिक रहे हैं क्योंकि सीएए के कारण राज्य में माहौल सही नहीं है और गुवाहाटी में सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान पांच लोग मारे गए.

हर वर्ष विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने वाले राज्य के होटल इस बार कार्यक्रमों से दूर हैं.

तमिलनाडु में भी क्रिसमस की विशेष प्रार्थनाएं आयोजित की गईं। नागपट्टीनम जिले के ऐतिहासिक तरांगमबादी हाउस में 300 वर्षों के बाद प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ.

कश्मीर में ईसाइयों की छोटी आबादी ने भी पूरे उत्साह से पर्व मनाया। उत्तर कश्मीर के ऊपरी हिस्सों और नियंत्रण रेखा के पास लोगों ने सेना के जवानों के साथ क्रिसमस का त्योहार मनाया.

ईसाई बहुल नगालैंड में पूरे उत्साह से क्रिसमस मना और विभिन्न गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन हुआ.

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ओडिशा के राज्यपाल गणेशीलाल और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लोगों को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं. शांतिपूर्ण तरीके से पर्व मनाने के लिए सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील कंधमाल जिले में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे.

केरल में भी क्रिसमस की खूब धूम रही और भारी संख्या में लोग गिरजाघर पहुंचे और विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन हुआ.

उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में कड़ाके की ठंड के बावजूद भारी तादाद में लोग गिरजाघर पहुंचे. राजधानी लखनऊ, हजरतगंज में लोग सांता की तरह लाल कपड़े और टोपी पहनकर सेंट जोसफ कैथेड्रल पहुंचे और प्रार्थना की.

पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी क्रिसमस उत्साहपूर्वक मना.

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