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बीएसएनएल की मेहनत से भारत के आखिरी गांव तक पहुंची 3G सेवा

बीएसएनएल और छितकुल गांव के ग्रामीणों की कड़ी मेहनत के बाद समुंद्र तल से 3450 ऊचांई पर बसे हिमाचल प्रदेश केआखिरी गांव छितकुल के ग्रामीणों को भी 3G इंटरनेट की सुविधा मिल गई है.

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Published : Jun 1, 2020, 3:40 AM IST

डिजाइन तस्वीर
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शिमला : आज पूरा देश 4G से जुड़ा है और अब 5G पर जाने की सोच रहा है. वहीं, देश के आखिरी गांव छितकुल में किसी भी नेटवर्क की सुविधा नहीं थी और यहां के लोग देश दुनिया से आजतक कटे हुए थे. आजादी के बाद बीएसएनएल ने इस गांव में 3G इंटरनेट नेटवर्क सुविधा पहुंचा कर एक नया आयाम स्थापित किया है. छितकुल गांव अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है. यहां सालभर कई पर्यटक घूमने आते हैं.

किन्नौर के छितकुल गांव की ऊंचाई समुंदर तल से 3450 मीटर है. जहां मई और जून महीने के अंतिम समय तक बर्फ टिकी रहती है. यहां के ग्रामीणों के जिंदगी सामान्य से बिल्कुल विपरीत है. बीएसएनएल ने गांव मे कड़ी मशक्कत के बाद यहां के ग्रामीणों को इंटरनेट की सुविधा दी है.

ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट

बीएसएनएल रिकांगपिओ की पूरी टीम ने ग्रामीणों के साथ मिलकर पांच दिनों में 13 किलोमीटर 3G लाइन बिछाकर छितकुल गांव को भी नेट सुविधा समेत कॉल सुविधा से जोड़ दिया है. इस सुविधा के मिलने से छितकुल के ग्रामीणों में खुशी देखने को मिल रही है. गांव मे सैकड़ों लोगो के साथ स्कूल, सरकारी कार्यालय, पंचायती राज, आईटीबीपी कैम्प, टूरिज्म हब बिना नेटवर्क सुविधा के रहते थे. इन सभी लोगो को बिना इंटरनेट सुविधा न होने के कारण कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.

छितकुल चीन की सीमा के साथ लगता है. ऐसे में यहां3G सेवा का पहुंचना सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. आईटीबीपी के जवान दिन रात यहा पहरा देते हैं. एक तरफ इन दिनों चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा तो वहीं, भारत भी अपनी सीमाओं को मजबूत करने में जुटा हुआ है. बीएसएनएल की ये सौगात देश की सीमाओं पर डटे आईटीबीपी के जवानों के लिए भी काफी मददगार साबित होगी.

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छितकुल गांव में 3G नेटवर्क सुविधा आने से आगामी दिनों में पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सकता है, क्योंकि छितकुल में हजारों पर्यटक बिना नेट सुविधा के ऑनलाइन वीडियो कॉलिंग, फोन कॉलिंग, सोशल मीडिया, मेल नहीं कर सकते थे. जिसके चलते पर्यटकों को 18 किलोमीटर दूर सांगला आकर नेट सुविधा मिलती थी. 3G नेटवर्क आने से छितकुल गांव भी गूगल और दूसरे सोशल मीडिया के माध्यमों से जुड़ जाएगा.

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