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बिहार चुनाव : नीतीश के 'अभेद्य किले' को तोड़ने दो विरोधी आएंगे एक साथ ?

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले ही दो विरोधियों का मत एक होता दिख रहा है. एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को शुभकामनाएं दी थी, जिसके बाद तेजस्वी यादव भी खुलकर चिराग के साथ आ गए और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. ऐसे में यह सियासी गणित और दिलचस्प होता दिख रहा है.

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Published : Oct 19, 2020, 9:11 PM IST

चिराग पासवान  तेजस्वी यादव नीतीश
चिराग पासवान तेजस्वी यादव नीतीश

पटना : बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, नीतीश या कोई और? इस सवाल का जवाब तो 10 नवंबर को ही मिलेगा, लेकिन उससे पहले ही इस सवाल का जवाब तलाशने की कवायद तेज हो गई है. लगता है कि मतदान से पहले दो विरोधियों का मत एक होने वाला है, हालांकि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी.

दरअसल, कुछ दिन पहले एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान ने नेता प्रतिपक्षा तेजस्वी यादव को शुभकामनाएं दी थी. चिराग पासवान ने कहा था कि तेजस्वी मेरा छोटा भाई है. मैं उन्हें अपनी शुभकामनाएं देता हूं. लोकतंत्र में जनता के सामने जितने अधिक विकल्प होते हैं, उतना ही अच्छा होता है. जनता को तय करना है कि वह किसे अपना नेता चाहते हैं.

गौरतलब है कि पहली बार महागठबंधन में शामिल नेताओं ने माना था कि तेजस्वी यादव हमारे नेता हैं. उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा. तेजस्वी महागठबंधन की ओर से सीएम कैंडिडेट होंगे. इसके बाद चिराग पासवान ने तेजस्वी को शुभकामनाएं दी थी और छोटा भाई बताया था.

सोमवार को तेजस्वी यादव भी खुलकर चिराग के साथ आ गए और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. पटना में पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार ने चिराग पासवान के साथ जो किया वो अच्छा नहीं किया.

उन्होंने कहा कि इस समय रामविलास पासवान की जरूरत चिराग पासवान को थी और आज उनके नहीं रहने का हम लोगों को दुख है, लेकिन जिस प्रकार का व्यवहार नीतीश कुमार का रहा है, वह चिराग पासवान के प्रति नाइंसाफी है.

...तो क्या दो विरोधी एक होंगे

ऐसे में सवाल उठता है कि चुनाव के बाद दो विरोधी एक हो जाएंगे. सवाल उठना लाजमी भी है. पहले चिराग पासवान तेजस्वी को छोटा भाई बताते हैं, अब नेता प्रतिपक्ष चिराग के बहाने नीतीश पर हमला बोल रहे हैं. ऐसे भी कहा जाता है कि राजनीति में जो कुछ भी बोला जाता है, वह रणनीति का हिस्सा होता है. शायद उसी रणनीति के तहत दोनों दल के नेता बयानबाजी कर रहे हैं.

राघोपुर में चिराग ने उतारा उम्मीदवार

सवाल उठने के पीछे सबसे बड़ा कारण है चिराग पासवान का राघोपुर सीट पर अपना उम्मीदवार उतारना. दरअसल, राघोपुर से तेजस्वी यादव चुनाव लड़ रहे हैं. यहां बीजेपी ने सतीश कुमार को चुनावी मैदान में उतारा है. सतीश कुमार 2010 में राबड़ी देवी को हराकर विधानसभा पहुंचे थे, हालांकि 2015 में वह चुनाव हार गए थे. चिराग पासवान ने बीजेपी के उच्च जाति का वोट काटने के उद्देश्य से राजपूत उम्मीदवार को सीट पर उतारा है. माना जा रहा है कि इससे तेजस्वी यादव को मदद मिलेगी.

आगे की राह आसान कर रहे तेजस्वी

सियासी पंडितों का कहना है सियासत संभावनाओं का खेल है और इसमें कोई भी स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता. हाल में ही चिराग ने तेजस्वी को अपना छोटा भाई बताया था. ऐसे में माना जा रहा है कि चिराग पासवान भी एक स्पेस रखकर ही सियासी कदम आगे बढ़ा रहे हैं. यही कारण है कि तेजस्वी यादव का सोमवार को जो बयान आया है, वह नई सियासी संभावानाओं को देखते हुए दिया गया है.

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