नई दिल्ली : भारत में रह रहे चीनी प्रवासियों पर दोनों देशों के बीच बिगड़ते द्विपक्षीय संबंधों का कोई असर नहीं पड़ा है. उद्योग जगत के सूत्रों का कहना कि उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की सैन्य आक्रामकता के बाद दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव के बाद भारत छोड़ने की कोई इच्छा नहीं जताई है.
अनुमान के मुताबिक, भारत में लगभग 20,000 चीनी एक्सपैट (नौकरी या कारोबार के सिलसिले में भारत में रहने वाले प्रवासी) हैं. हालांकि इनमें से कई जनवरी में नए साल के दौरान चीन लौट गए थे और कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण वे भारत नहीं लौट सके. भारत ने फरवरी में बीमारी के प्रसार से बचने के लिए विभिन्न देशों के बीच संचालित होने वाली उड़ानों को स्थगित कर दिया था.
ऐसे चीनी प्रवासियों ने, जो घर नहीं लौटे और भारत में रह रहे हैं, संकेत दिया है कि उन्हें यहां किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा है और वे अपने देश लौटने का मन नहींं बना रहे हैं.
एक विश्लेषक ने कहा, 'रहने की स्थिति, व्यक्तिगत और राजनीतिक स्वतंत्रता भारत में बुनियादी स्तंभ हैं और इसे प्रवासी व अन्य चीनी अच्छे से समझते हैं.' बताया जा रहा है कि भारत में विभिन्न कंपनियों में काम करने वाले चीनी फिर से अपना काम जारी रखने के इच्छुक हैं.
एशियन कम्युनिटी न्यूज (एसीएन) के संपादक संजीव के. आहूजा ने कहा, 'कई चीनी जो छुट्टी के लिए घर गए थे, वे महीनों से वहां फंसे हुए हैं. वे जल्द से जल्द भारत लौटने और काम फिर से शुरू करने के इच्छुक हैं.'