भारत में चीन के राजदूत सुन वीडोंग को उम्मीद है कि चीन मे कोरोना वायरस के चलते भारत अपने नागरिकों के लिए जारी यात्रा और व्यापार संबंधित चेतावनी पर पुनर्विचार करेगा. चीनी दूतावास में पत्रकारों से बात करते हुए राजदूत ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत सरकार इन चेतावनियों पर संयम और व्यवहारिक दृष्टिकोण रखेगी और दोनों राष्ट्राध्यक्षों की इच्छा के मुताबिक, चीन की मेडिकल सामग्री की जरूरतों को मानवीय आधार पर पूरा करने का काम किया जाएगा.
राजदूत ने कहा कि 'विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लगातार चीन पर किसी भी तरह के यात्रा या व्यापारिक प्रतिबंध न लगाने की बात कही है. हमें डब्ल्यूएचओ की पेशेवर सलाह पर ध्यान देना चाहिए. दुनिया के देशों को, लोगों और व्यापार के सामान्य हालातों को बरकरार रखना चाहिए और जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए.'
उन्होंने भारत द्वारा मेडिकल सहायता के लिए आभार जताया और यह भी आश्वासन दिया कि चीन के सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में रह रहे भारतीय नागरिकों की देखभाल में कोई कसर नहीं रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि 'इस महामारी को लेकर चीन और भारत लगातार बातचीत कर रहे हैं. हाल ही में पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति को एक पत्र लिखकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की थी और चीन द्वारा इस समस्या से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की सराहना भी की. भारत ने चीन को मुश्किल की इस घड़ी में हर मुमकिन मदद करने का भरोसा दिलाया है.'
उन्होंने यह भी कहा कि, 'हमें उम्मीद है कि भारत इस मसले पर व्यवहारिक और संयमपूर्ण रुख इख्यातियार करेगा और दोनों देशों के बीच लोगों और व्यापार की सामान्य आवाजाही बरकरार रखेगा.'
गौरतलब है कि सालाना करीब दस लाख से ज्यादा लोगों की आवाजाही दोनों देशों के बीच होती है और भारत चीन के बीच सालाना करीब $90 बिलियन का व्यापार होता है.
पढ़ें :ट्रंप की भारत यात्रा पूरी तरह सफल होगी : विशेषज्ञ
भारत सरकार ने सोमवार को यह कहा कि कोरोना वायरस से लड़ाई में चीन की मदद के लिए इस हफ्ते के अंत में मेडिकल सप्लाई वाला एक जहाज वुहान भेजा जाएगा. वापसी में इस जहाज की सीमित क्षमता के अनुसार वुहान और हुबेई मे फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाया जाएगा. इसके साथ ही अगर अन्य देशों की तरफ से उनके नागरिकों को लाने का आग्रह होता है तो भारत सरकार इस जहाज में उन्हें भी ला सकती है. पिछले कुछ दिनों में भारत ने 600 भारतीयों को, जिनमें ज्यादातर छात्र थे, चीन से निकाला है. इसके साथ मालदीव के सात नागरिकों भी भारत ने निकाला और कुछ दिनों तक निगरानी में रखे जाने के बाद वो वापस अपने देश चले गए हैं.