नई दिल्ली : पैंगॉन्ग त्सो के दक्षिणी तट पर 29-30 अगस्त (शनिवार-रविवार) की मध्यरात्रि में चीन ने भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की, जो भारत-चीनी सैन्य और राजनयिक स्तर पर की गई सर्वसम्मति का उल्लंघन है.
मामले में ईटीवी भारत से बात करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा (रिटायर्ड) ने कहा कि यह पहला मौका है जब चीनी सेना ने रात में भारतीय इलाके में घुसपैठ की कोशिश की हो. उन्होंने कहा कि हमारा अतीत में चीनी सेना से आमना-सामना हुआ है, लेकिन यह हमेशा दिन के दौरान होता था.
हमारी पारस्परिक रूप से सहमति की शर्तें यह स्पष्ट करती है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ विवाद के क्षेत्रों में सैन्य गतिविधियां केवल दिन के समय में की जाएंगी.
उन्होंने कहा कि यहां भारत- सैन्य झड़पें पहले भी हो चुकी हैं. हालांकि यह पहला अवसर है. जब चीन ने एलएसी के साथ कई पोजिशन पर घुसपैठ की कोशिश की. वह इस तथ्य के बावजूद कि 15 जून की गलवान घाटी में भारतीय बलों और चीनी सैना के बीच हाथापाई हुई थी.
लेह में 14 कोर की कमान संभालने वाले जनरल शर्मा ने कहा कि भारतीय सेनाएं दक्षिणी तट पर बहुत सतर्क रही हैं, क्योंकि इस क्षेत्र को एस्केलेटरी क्षमता वाला एक विवादास्पद क्षेत्र माना जाता है. अतीत में चीनी दक्षिणी बैंक में एक निश्चित बिंदु पर गश्त करते थे, यू-टर्न लेते थे और अपने क्षेत्र में वापस लौट जाते थे. LAC पैंगोंग झील जिसका एक तिहाई हिस्सा भारत के अंदर है, जबकि दो तिहाई चीन में स्थित है. पैंगोंग त्सो के उत्तरी बैंक के विपरीत जहां बैंक के साथ काफी जगह है, दक्षिणी बैंक एक बहुत छोटा क्षेत्र है.