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एलएसी पर भारत ने बदली रणनीति, दबाव में आया चीन - Indian Army sources

चीनी सेना पहले दक्षिणी किनारे पर स्थिति को हल करने के पक्ष में है, जहां भारतीय सेना ने सामरिक रूप से अपनी स्थिति मजबूत कर ली है. जबकि भारत चाहता है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पूर्वी लद्दाख में सभी जगह से सैनिकों को हटाने का रोडमैप तैयार किया जाए.

vacate key heights
भारतीय सेना

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Published : Sep 25, 2020, 9:10 AM IST

Updated : Sep 25, 2020, 11:03 AM IST

नई दिल्ली :भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति हर दिन एक नया रूप ले रही है. पिछले कुछ महीनों से लद्दाख में भारत और चीन के बीच बने तनावपूर्ण माहौल को ठंड बढ़ने से पहले खत्म करने की कोशिश जारी है. लेकिन हर बार की तरह पड़ोसी मुल्क कोई न कोई परेशानी खड़ी कर ही देता है. अब चीन एक बार फिर अपनी अलग ही रणनीति अपना रहा है. चीन इस बात पर जोर दे रहा है कि भारत को पूर्वी लद्दाख में अन्य जगहों से सैनिकों को हटाने को लेकर चर्चा करने से पहले पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर पहाड़ की चोटी खाली करनी होगी.

कॉर्प्स कमांडर-स्तरीय वार्ता के दौरान चीन ने भारत से कहा कि वह पूर्वी लद्दाख में होने वाले विस्थापन पर चर्चा नहीं करेगा, जब तक कि भारत रणनीतिक पोस्ट को खाली नहीं कर देता.

आमने-सामने भारत और चीन के सैनिक

डी-एस्केलेशन के लिए रोडमैप
चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवान पहले दक्षिण तट पर स्थिति को हल करने पर अड़े हैं, जहां भारतीय सेना सामरिक रूप से ताकत की स्थिति में है, लेकिन भारत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ-साथ डी-एस्केलेशन के लिए एक रोडमैप चाहता है. भारत ने कहा कि वार्ता के दौरान सभी घर्षण क्षेत्रों, जिसमें डिप्सेंग भी शामिल है, एलएसी के साथ-साथ सभी विस्थापन के लिए चर्चा की जानी चाहिए.

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स्पैंगुर गैप पर हावी
भारतीय सेना के एक अधिकारी ने कहा कि क्यों चर्चा एक या दो स्थानों तक सीमित होनी चाहिए, जब एलएसी बड़े पैमाने पर बिल्डअप है. पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर भारत के लिए अहम पहाड़ की चोटियां जिसमें रेचिन ला, रेजांग ला, मुकर्पी शामिल हैं जो अब तक मानव रहित थे, कब्जे में आ गए हैं. ये कुछ अन्य चोटियों के साथ भारत को चीनी नियंत्रण के तहत स्पैंगुर गैप पर हावी होने की अनुमति देते हैं, इसके साथ ही चीनी सीमा मोल्डो गैरीसन पर भी यही स्थिति है. इसने पीएलए को विचलित कर दिया है, जिसने भारतीय सैनिकों को खदेड़ने के लिए कई प्रयास किए हैं, जिसके कारण चेतावनी दी गई है कि गोलीबारी बंद की जाए.

भारत ने बदली रणनीति
भारत ने 15 जून को गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद अपनी गतिविधियों के नियमों को बदल दिया जिसमें 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू सहित 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. चीन ने इस हिंसक झड़प में भारतीय सैनिकों पर मध्यकालीन युग की तरह लोहे से बने हथियारों से हमला किया था. सूत्रों की मानें तो इसके बाद भारतीय सेना ने अपने कमांडरों को इस आधार पर एक निर्णय लेने का अधिकार दिया था कि क्या आग्नेयास्त्रों का उपयोग किया जाए या नहीं, अगर उनकी सेना को जानलेवा स्थिति का सामना करना पड़ता है और चीन के साथ भी ऐसा हुआ है.

सैन्य कमांडर-स्तरीय बैठक
भारतीय सेना ने भी एलएसी पर अपने नियंत्रण में ऊंचाइयों के पास कांटेदार तार लगाए हैं, जिससे चीन को अपने क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने का संकेत मिलता है. तीन दिन पहले भारतीय और चीनी पक्षों ने एक संयुक्त बयान में मोल्दो में 14 घंटे की कूटनीतिक-सैन्य वार्ता के बाद कहा कि दोनों ने सीमा मुद्दे पर अपने नेताओं द्वारा पहुंची सहमति को लागू करने पर सहमति व्यक्त की है. 21 सितंबर को वरिष्ठ भारतीय और चीनी कमांडरों ने सैन्य कमांडर-स्तरीय बैठक का 6वां दौर आयोजित किया.

एलएसी की स्थिति को लेकर विचार विमर्श
भारतीय सेना ने कहा था कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में एलएसी के साथ स्थिति को स्थिर करने पर स्पष्ट और गहन विचार-विमर्श किया था. वे दोनों देशों के नेताओं द्वारा महत्वपूर्ण सहमति को लागू करने, जमीन पर संचार को मजबूत करने, गलतफहमियों से बचने, अधिक सैनिकों को आगे की पंक्ति में भेजने से रोकने, एकतरफा जमीन पर स्थिति को बदलने से परहेज करने और बचने से सहमत हुए. ऐसी कोई भी कार्यवाही करना जो स्थिति को जटिल बना सकती है.

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सीमा पर व्यावहारिक रहने के उपाय
दोनों पक्ष जल्द से जल्द सैन्य कमांडर-स्तरीय बैठक के 7वें दौर को आयोजित करने के लिए सहमत हुए. जमीन पर समस्याओं को ठीक से हल करने के लिए व्यावहारिक उपाय करें और संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्र में शांति बनाए रखें. यह पहली बार था कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल में दो लेफ्टिनेंट जनरल, दो मेजर जनरल और विदेश मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव (एमईए) थे.

14 कोर के कमांडर का संभालेंगे पदभार
कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के लेफ्टिनेंट जनरल पी.जी. मेनन आखिरकार नवंबर में 14 कोर के कमांडर का पदभार संभालेंगे. पूर्वी एशिया के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव यह सुनिश्चित करने के लिए वहां थे कि चीन के साथ विचार-विमर्श दोनों देशों के बीच सैनिकों के त्वरित विघटन सहित एक सहमत पांच-बिंदु रोडमैप पर हो.

पांच बिंदु रोडमैप पर वार्ता
10 सितंबर को मॉस्को में विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच वार्ता के दौरान वे पांच-बिंदु रोडमैप पर पहुंचे. भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) में चार महीने के गतिरोध में लगे हुए हैं. कई स्तरों के संवाद के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है.

Last Updated : Sep 25, 2020, 11:03 AM IST

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