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ईटीवी भारत ने सबसे पहले दी थी दस सैनिकों के लापता होने की खबर, वार्ता के बाद रिहा - चीन ने छोड़े 10 सैनिक

लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद भारत और चीन की सेनाओं के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता की गई. एक दौर की बातचीत के बाद चीनी सेना द्वारा चार अधिकारियों सहित 10 भारतीय सैनिकों को रिहा किया गया है. बता दें कि ईटीवी भारत ने सैन्य सूत्रों के हवाले से सबसे पहले बीस सैनिकों की शहादत की सूचना के साथ ही यह खबर भी प्रकाशित की थी कि चीनी सैनिकों के साथ झड़प के बाद 10 भारतीय सैनिक लापता हैं.

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चीन ने छोड़े 10 सैनिक

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Published : Jun 19, 2020, 12:07 PM IST

Updated : Jun 19, 2020, 2:01 PM IST

नई दिल्ली : लद्दाख में चीन के साथ हुए सीमा विवाद के मामले में दोनों पक्षों के सैन्य अधिकारियों ने विस्तृत वार्ता की. इस वार्ता में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प और दोनों पक्षों के संयम बरतने को लेकर लंबी सैन्य वार्ता हुई. ताजा घटनाक्रम में चीन ने भारत के 10 सैन्यकर्मियों को रिहा किया है. बता दें कि गत 15-16 जून को दोनों देशों के बीच हुए हिंसक झड़प के बाद अधिकारियों और जवानों को चीनी पक्ष ने अपने कब्जे में ले लिया था. शुक्रवार को समाचार एजेंसी एएनआई ने अपने सूत्रों के हवाले से कहा, 'सभी 10 सैनिकों को मेजर जनरल-स्तरीय वार्ता के बाद गुरुवार शाम लगभग 4 बजे भारतीय पक्ष में वापस भेज दिया गया था. इसी के साथ भारतीय सेना के सभी सैनिकों का पता चल चुका है. आपको बता दें कि ईटीवी भारत ने दस सैनिकों के लापता होने की खबर सबसे पहले गत 16 जून को ही अपने पाठकों को दे दी थी.

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जानकारी के मुताबिक गलवान घाटी में दोनों पक्षों के बीच वार्ता का दौर आयोजित किया गया था, जहां भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व डिवीजन तीन के कमांडर कर रहे थे. यह डिवीजन कमांडर 15 जून को हुई हिंसक झड़प से पहले भी भारतीय सेना के KM-120 पोजिशन के पास कैंप कर रहे थे.

16 जून को सेना के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया था कि चीन के सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प की घटना में कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी संतोष बाबू सहित 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने की पुष्टि की हुई है और अन्य 10 सैनिकों के लापता होने की सूचना है. कई सैनिकों के घायल होने की भी सूचना है.

गौरतलब है कि गत 15-16 मई की दरम्यानी रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई. इस दौरान चीनी सैनिकों के एक कमांडर समेत 30 से अधिक लोग ढेर हो गए. तीन-घंटे की लंबी लड़ाई के बाद भारतीय सेना के 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू सहित 20 भारतीय सेना के जवान शहीद हो गए थे.

सूत्र ने बताया कि सोमवार को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत की सीमा में कुछ अस्थाई संरचनांए बना दी थी. सीओ के नेतृत्व में भारतीय सेना ने उसे नष्ट कर दिया. शुरू में ऐसा लगा कि पीएलए पीछे हट जाएगी, लेकिन वह लगभग एक हजार सैनिकों के साथ वापस आ गई. भारतीय सेना के पास भी उस समय एक लगभग हजार जवान मौजूद थे. दोनों सेनाओं के बीच नदि के किनारे हिंसक झड़प हुई. इस दौरान कुछ सैनिक नदी में भी गिर गए. गौरतलब है कि यह लगभग पांच दशकों में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुआ हुए संघर्ष के कारण तनाव पैदा हो गया है.

Last Updated : Jun 19, 2020, 2:01 PM IST

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