बीकानेर : कोटा के जेके लोन अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत के मामले के बाद पूरे प्रदेश में सरकारी शिशु अस्पताल अब निशाने पर आ गए हैं. ईटीवी भारत ने बीकानेर में शिशु अस्पताल की रियलिटी चेक किया. फौरी तौर पर बीकानेर के पीबीएम शिशु अस्पताल के हालात ठीक नजर आते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरत होगी कि बीकानेर में भी हालात खराब हैं.
कोटा के जेके लोन अस्पताल में नवजात की मौत के मामले को लेकर अब पूरे प्रदेश में हंगामा बरपा हुआ है. प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को लेकर विपक्ष सरकार पर सवाल उठा रहा है. सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई है और प्रदेश के हर अस्पताल से आंकड़ें मंगवा रही है. ये आंकड़े बताते हैं कि बीकानेर के शिशु अस्तपताल में भी बच्चे सुरक्षित नहीं हैं. यहां नवजात के जन्म लेने और इलाज के साथ ही मृत्यु दर के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.
बीते एक वर्ष की बात करें तो बीकानेर में कुल 658 नवजातों की मौत हुई है. अकेले दिसम्बर माह में 162 नवजातों की मौत हुई है. हालांकि, सीधे तौर पर कोटा की जानकारी आने के बाद अस्पताल प्रशासन अपना मुंह कैमरे के आगे खोलने से बच रहा है, लेकिन आंकड़े सारी कहानी बता रहे हैं.