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'धर्म-जाति-पंथ-लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करती भारतीय सेना' - Chief of Army Staff

थल सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे ने कहा कि भारतीय सेना धर्म, जाति, पंथ या लिंग के आधार पर किसी भी सैनिक के साथ भेदभाव नहीं करती है. जानें क्या कुछ कहा सेना प्रमुख ने...

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थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवाने

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Published : Feb 20, 2020, 3:20 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 11:13 PM IST

नई दिल्ली : सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने गुरूवार को कहा कि सेना लैंगिक समानता लाने के लिए प्रयासरत है और महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन प्रदान करने का उच्चतम न्यायालय का आदेश इस दिशा में आगे बढ़ने में काफी स्पष्टता प्रदान करेगा.

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को निर्देश दिया था कि सेना में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन तथा कमांड में नियुक्ति दी जाए.

जनरल नरवणे ने संवाददाताओं से कहा, 'भारतीय सेना किसी जवान से धर्म, जाति, वर्ण और यहां तक कि लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करती. भारतीय सेना का नजरिया हमेशा से ऐसा ही रहा है और इसलिए हमने 1993 में ही महिला अधिकारियों की भर्ती शुरू कर दी थी.

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने हर स्तर पर महिलाओं की भर्ती के लिए पहल की है और सैन्य पुलिस केंद्र तथा स्कूल कोर में 100 महिला सैन्यकर्मियों के पहले बैच को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

सेना प्रमुख ने उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रशंसा करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत का निर्णय स्वागतयोग्य है जो संस्था की बेहतर क्षमता के लिए अधिकारियों की भर्ती की दिशा में स्पष्टता प्रदान करता है. मैं आश्वस्त करना चाहूंगा कि भारतीय सेना में महिला अधिकारियों समेत सभी को राष्ट्र के प्रति योगदान के साथ ही कॅरियर में तरक्की के लिए भी समान अवसर प्रदान किये जाएंगे.

एम एम नरवणे का बयान.

जनरल नरवणे ने बताया कि महिला अधिकारियों को पत्र भेजकर पूछा जा रहा है कि क्या वे स्थाई कमीशन को तरजीह देना चाहेंगी.

जम्मू कश्मीर के संदर्भ में सेना प्रमुख ने कहा कि आतंकवाद की घटनाओं में कमी आई है और सेना आतंकी समूहों पर दबाव बनाकर रख रही है.

उन्होंने वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) के चल रहे पूर्ण सत्र के परोक्ष संदर्भ में कहा कि सीमापार आतंकवाद में कमी के मामले में एक बाहरी आयाम है.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है और यहां तक कि चीन ने भी माना है कि वे अपने मित्र देश का हर समय समर्थन नहीं कर सकते.

वैश्विक आतंकवाद वित्तपोषण निगरानी संस्था एफएटीएफ के एक उप-समूह ने मंगलवार को सिफारिश की थी कि पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए आर्थिक मदद नहीं रोक पाने पर ग्रे सूची में ही रखना चाहिए.

कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी की सेहत के बारे में पूछे जाने पर सेना प्रमुख ने केवल इतना कहा कि सुरक्षा बल किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं.

ये भी पढ़ें-सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन : मीनाक्षी बोलीं, कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य

जम्मू कश्मीर के लिए विशेष रूप से थियेटर कमान के प्रस्तावित गठन के सवाल पर सेना प्रमुख ने कहा कि कुछ भी तय करने से पहले विस्तृत विचार-विमर्श किया जाएगा.

सेना प्रमुख ने कहा कि हम थल सेना भवन बनाएंगे, जहां सेना के सभी अधिकारी एक जगह इकट्ठा होकर कार्य कर सकेंगे. ऐसा करने से हमारे काम करने के तरीके में दक्षता बढ़ेगी.

उन्होंने कहा कि जवानों को सेना भवन आने में ज्यादा समय लगता है और ज्यादातर जो क्वार्डर हैं वो सभी दिल्ली कैंट में हैं. इससे कार्बेट फुट प्रिंट में भी सुधार होगा. इससे जो समय मिलेगा सेना के जवानों या अधिकारियों को अपने परिवार के साथ बिता सकते हैं.

Last Updated : Mar 1, 2020, 11:13 PM IST

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