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ममता ने शुरू किया 'पाड़ाय पाड़ाय समाधान', बोलीं- भारतीय लोगों को बाहरी नहीं बताया - पश्चिम बंगाल में कोरोना के मामलों

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज बोलपुर का दौरे पर हैं. गृह मंत्री अमित शाह कुछ दिन पहले यहां आए थे. ममता बनर्जी ने बोलपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से बात की. ममता ने पश्चिम बंगाल सरकार के 'दुआरे सरकार' (यानी सरकार आपके द्वार) कार्यक्रम के काफी सफल रहने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को 'पाड़ाय पाड़ाय समाधान' नामक नई पहल की घोषणा की जिसके तहत स्थानीय आस-पड़ोस की शिकायतों का समाधान किया जाएगा.

ममता बनर्जी
ममता बनर्जी

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Published : Dec 28, 2020, 3:12 PM IST

Updated : Dec 29, 2020, 5:34 PM IST

बोलपुर : पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बोलपुर में एक प्रेस कॉन्फेंस को संबोधित किया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'पाड़ाय-पाड़ाय समाधान' कार्यक्रम की घोषणा की.

दो जनवरी से कार्यक्रम

मुख्यमंत्री ने कहा कि 'पाड़ाय पाड़ाय समाधान' कार्यक्रम दो जनवरी को शुरू होगा और 15 फरवरी तक चलेगा. ममता ने एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक में कहा, ' आस-पड़ोस तक पहुंचने के विशिष्ट अभियान वाला यह कार्यक्रम बड़े बुनियादी ढांचा संबंधी समस्याओं का नहीं बल्कि निगम, स्थानीय या सेवा संबंधी दिक्कतों का समाधान करेगा. यह दुआरे सरकार का पूरक होगा जो करोड़ों लोगों तक पहुंचा. यह नये साल का सौगात होगा.'

मुख्य सविव अल्पन बंदोपाध्याय ने कहा कि 'दुआरे सरकार' व्यक्ति उन्मुख कार्यक्रम है जबकि इस योजना में आसपड़ोस की समस्याओं का समाधान किया जाएगा. 'पाड़ाय पाड़ाय समाधान' के लिए प्रधान सचिव और एक सचिव का कार्यबल नियुक्त किया गया है. उन्होंने कहा कि 'दुआरे सरकार' की भांति 'पाड़ाय पाड़ाय समाधान' समयसीमा तरीके से काम करेगी और आवेदक अपने आवेदन की स्थिति पर नजर रख पायेंगे.

दूसरे राज्यों से पश्चिम बंगाल आने वाले लोगों को 'बाहरी' कहे जाने पर भाजपा की तरफ से प्रहार का सामना कर रही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि वह उस टैग को देशवासियों के साथ नहीं लगाती हैं, लेकिन भारत के लोगों पर बाहरी विचार प्रक्रिया थोपने के कथित प्रयास के खिलाफ हैं. तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो बनर्जी ने दावा किया कि बंगाल की रीढ़ की हड्डी और स्वाभिमान को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.

बीरभूम जिले में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि गड़बड़ी पैदा कर राज्य के राजनीतिक तानाबाना को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है. बनर्जी और उनकी पार्टी अगले वर्ष अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अक्सर भाजपा पर राज्य में 'बाहरी' लोगों को लाने का आरोप लगाती है.

भगवा दल के यह पूछने पर कि दूसरे राज्यों से पश्चिम बंगाल आने वाले लोगों को वह कैसे बाहरी कह सकती हैं तो बनर्जी ने कहा, 'हम अपने देश के लोगों को बाहरी नहीं कहते. निश्चित तौर पर हम सभी किसी भी राज्य में जा सकते हैं.'

मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम कहते हैं कि हमारी संस्कृति भारतीयता है, न कि बाहरी सोच प्रक्रिया जिसे वे फैला रहे हैं.'

बनर्जी ने दावा किया कि देश में सभी संस्थानों, संस्कृति और ज्ञान के केंद्र की आधारशिला को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है -- 'पुडुचेरी से लेकर नालंदा विश्वविद्यालय से लेकर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय तक.' उन्होंने कहा कि ये सब वे लोग कर रहे हैं, जो रवींद्रनाथ टैगोर के बारे में कुछ नहीं जानते.

टीएमसी प्रमुख ने आरोप लगाया, 'बंगाल की रीढ़ की हड्डी, स्वाभिमान और इतिहास को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. झूठ और गलत सूचनाएं फैलाकर बंगाल की संस्कृति का अपमान करने का प्रयास किया जा रहा है.'

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ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से कहा कि बीरभूम जिले के दुबराजपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 60 का बाईपास बनाने के लिए पोस्टर लगाएं, रैलियों का आयोजन करें और अधिकारियों का घेराव करें. स्थानीय लोगों ने शिकायत की कि परियोजना का काम पिछले दस वर्षों से लंबित है.

उन्होंने यहां एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक में कहा कि एनएच 60 पर अधूरा काम केंद्र का जानबूझकर किया गया कृत्य है.

बैठक में बनर्जी ने कहा, 'हमारा (राज्य सरकार का) इससे कोई लेना-देना नहीं है. यह (रोड बाईपास) हमारे हाथ में नहीं है, केंद्र सरकार इसकी देखभाल करता है.'

बनर्जी ने स्थानीय तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा, 'सड़क पर पोस्टर लगाएं और पूछें कि केंद्र सरकार इसे पूरा क्यों नहीं कर रही है. उनसे यह भी कहें कि अगर वे इस परियोजना को पूरा करने में अक्षम हैं तो इसे राज्य सरकार को सौंप दें और हम इसे पूरा करेंगे... बैठक, रैलियां करें और अधिकारियों का घेराव करें और इसके लिए अपनी आवाज उठाएं.'

Last Updated : Dec 29, 2020, 5:34 PM IST

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