नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र और लोक भविष्य निधि समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर कम करना मौजूदा समय में गलत है. सरकार को 30 जून तक के लिए पुरानी ब्याज दरें बहाल करनी चाहिए. वहीं कांग्रेस ने इसे अतार्किक करार दिया है.
पूर्व वित्तमंत्री ने ट्वीट कर कहा, 'पीपीएफ और लघु बचत पर ब्याज दर कम करना तकनीकी रूप से सही हो सकता है, लेकिन ऐसा करने का यह गलत समय है.'
चिदंबरम ने कहा, 'इस बहुत ही मुश्किल घड़ी और आय को लेकर अनिश्चितता के दौर में लोग अपनी बचत पर ब्याज से होने वाली आय पर निर्भर होते हैं. सरकार को इस निर्णय पर तत्काल पुनर्विचार करना चाहिए और पहले की ब्याज दर को 30 जून तक बहाल करना चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'मेरे विचार से हमें विकास दर को लेकर चिंता नहीं करनी चाहिए. फिलहाल लोगों की जिंदगियां बचाने पर जोर होना चाहिए.'
बता दें कि चिदंबरम ने पिछले दिनों घोषित वित्तीय पैकेज का उल्लेख करते हुए कहा, 'मैं इस बात से चिंतित हूं कि सरकार ने 25 मार्च को बहुत ही कम वित्तीय पैकेज की घोषणा के बाद अब तक वित्तीय सहायता पैकेज का ऐलान नहीं किया.'
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गौरतलब है कि सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र और लोक भविष्य निधि समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें 2020-21 की पहली तिमाही के लिए 1.4 प्रतिशत तक घटा दीं. बैंक जमा दरों में कटौती के बीच यह कदम उठाया गया है.
मीडिया को जानकारी देते कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल वहीं कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने कहा कि कोरोना वायरस से राष्ट्र के मध्यम वर्ग, निम्न वर्ग, किसान, पेशनभोगी, महिलाएं आर्थिक तंगी से गुजर रही है. भाजपा सरकार ने आर्थिक राहत देने के बजाय कानूनी वांरट जारी किया है जिसमें ब्याज दर कम किया गया है, जिससे समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लोगों को नुकसान हो रहा है.
जयवीर शेरगिल ने दावा किया कि सरकार का यह निर्णय 30 करोड़ जमाकर्ताओं को प्रभावित करेगा और 90 करोड़ व्यक्तियों की आय छीन लेगा.