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आईएनएक्स मीडिया स्कैम : चिदंबरम के खिलाफ ED की कार्रवाई पर बुधवार तक रोक - चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल

उच्चतम न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में पी चिदंबरम को एक दिन की राहत दी है. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को प्रवर्तन निदेशालय (ED) बुधवात तक गिरफ्तार नहीं कर सकेगी. हालांकि, इस संरक्षण के बावजूद चिदंबरम सीबीआई की कस्टडी में ही रहेंगे. जानें पूरा विवरण

पी चिदंबरम (फाइल फोटो)

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Published : Aug 27, 2019, 4:15 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 11:40 AM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के मामले की सुनवाई की. आईएनएक्स मीडिया स्कैम के इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई पर बुधवार तक रोक लगाई गई है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में बुधवार को भी सुनवाई करेगी.

जस्टिस आर बानुमथी और एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि चिदंबरम की दो याचिकाओं पर अदालत ईडी की दलीलें सुनेगी. चिदंबरम ने बुधवार को रिमांड के आदेश को चुनौती दी है.

इससे पहले चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत के समक्ष आवेदन पेश किया. इसमें ने धनशोधन मामले में की गयी पूछताछ का ईडी से लिखित ब्यौरा मांगा गया है.

सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने ईडी की पैरवी की. मेहता ने कहा कि वे अपनी दलीलें पेश करने के दौरान चिदंबरम की ओर से पेश किए गए आवेदन का जवाब देंगे.

मंगलवार को सुनवाई के दौरान पी चिदंबरम ने उच्चतम न्यायालय से ईडी को निर्देश देने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनसे की गयी पूछताछ का लिखित विवरण पेश करने का निर्देश दिया जाये.

चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि इस संबंध में एक आवेदन दायर किया है. आवेदन में पिछले साल 19 दिसंबर, एक जनवरी और 21 जनवरी, 2019 को उनके मुवक्किल से की गयी पूछताछ का लिखित ब्यौरा पेश करने की मांग की गई है.

सिब्बल ने कहा कि इस लिखित ब्यौरे से पता चल जायेगा कि क्या चिदंबरम पूछताछ के दौरान जवाब देने से बच रहे थे जैसा कि प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है.

उन्होंने पीठ से कहा कि चिदंबरम को हिरासत में लेने के लिये प्रवर्तन निदेशालय अपनी मर्जी से और पीठ पीछे कोई दस्तावेज दाखिल नहीं कर सकता है.

सिब्बल ने कहा, 'वे अचानक ही दस्तावेज पेश कर रहे हैं और कहते हैं कि यह केस डायरी का हिस्सा है.'

चिदंबरम की ओर से ही एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'वे आरोपी को हिरासत में लेने के लिये पीछे से दस्तावेज पेश नहीं कर सकते.'

इसके साथ ही उन्होंने संविधानिक और कानूनी प्रावधानों का हवाला दिया और कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रदत्त व्यक्तिगत आजादी के मौलिक अधिकार को निलंबित नहीं किया जा सकता है.

सिंघवी का कहना था कि धन शोधन रोकथाम कानून में 2009 में संशोधन किया गया जबकि इस मामले में आरोप 2007-08 के हैं.

सिंघवी ने कहा, 'आप एक व्यक्ति को सरगना बता रहे हैं जबकि ये कथित अपराध उस समय अस्तित्व में ही नहीं थे.'

यह पीठ आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में चिदंबरम की अग्रिम जमानत रद्द करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के 20 अगस्त के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही है. पीठ ने सोमवार को चिदंबरम को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की अवधि मंगलवार तक के लिये बढ़ा दी थी.

चिदंबरम फिलहाल सीबीआई की कस्टडी में हैं. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद सीबीआई ने चिदंबरम को बीते 21 अगस्त की देर रात गिरफ्तार कर लिया था.

सीबीआई हिरासत में चिदंबरम

गिरफ्तार होने से पहले चिदंबरम करीब 28 घंटों तक सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आए. बाद में एक संक्षिप्त प्रेस ब्रीफिंग में उन्होंने कहा था कि वे कानून से भाग नहीं रहे हैं, वे केस की तैयारियां कर रहे थे.

गौरतलब है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में चिदंबरम 2004 से 2014 के दौरान वित्त मंत्री और गृह मंत्री रह चुके हैं.

केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की जिसमें आरोप लगाया गया था कि आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेश से 305 करोड़ का निवेश प्राप्त करने के लिये विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी देने में अनियमिततायें की गयीं. यह मंजूरी उस वक्त दी गयी थी जब चिदंबरम वित्त मंत्री थे.

इसके बाद, 2017 में ही प्रवर्तन निदेशालय ने चिदंबरम के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया था.

शीर्ष अदालत सीबीआई के मामले में पहले ही चिंदबरम की अपील को निरर्थक करार दे चुकी है क्योंकि इस पर सुनवाई होने से पहले ही उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका था. चिदंबरम इस समय सीबीआई की हिरासत में हैं.

(एक्सट्रा इनपुट- पीटीआई)

Last Updated : Sep 28, 2019, 11:40 AM IST

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