नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार का मामला काफी हद तक इंद्राणी मुखर्जी की गवाही पर केंद्रित है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अपने बेटे कार्ति के कारोबर में मदद करने और आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड से मंजूरी के बदले विदेशों में भुकतान करने को कहा था.बता दें कि इंद्राणी मुखर्जी ने यह बात मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रहे जांचकर्ताओं को बताई थी.
पी चिदंबरम ने पीटर से उनके बेटे कार्ती के कारोबार में मदद करने के लिए कहा था और एफआईपीबी मंजूरी के बदले विदेशों में धन भेजने को कहा. इंद्राणी मुखर्जी ने 2017 में प्रवर्तन निदेशालय को लिखित गवाही में दावा किया कि वह 2008 में नई दिल्ली में एक होटल में कार्ति चिदंबरम से मिले थे, तब कार्ति ने कहा कि अगर 10 लॉख अमेरिकी डॉलर उसके या उसके सहयोगियों के विदेश स्थित खातों में भेजे जाते है तो मसले का समाधान हो सकता है.
पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति दोनों ने हालांकि, इन आरोपों से इनकार किया है. कार्ति ने बुधवार को कहा कि वह वह अपने जीवन में कभी भी मुखर्जी से नहीं मिले थे.
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बता दें कि इंद्राणी मुखर्जी और पति पीटर मुखर्जी आईएनएक्स मीडिया के प्रमोटर थे, और दोनों वर्तमान में अपनी 24 वर्षीय बेटी शीना की कथित तौर पर हत्या के मामले में जेल में हैं.
इंद्राणी मुखर्जी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज किया और कहा कि वह और उनके पति, चिदंबरम से 2008 में दिल्ली के उत्तरी ब्लॉक में उनके कार्यालय में मिले थे.