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चिदंबरम ने हमसे अपने बेटे के कारोबार में मदद करने को कहा था: इंद्राणी मुखर्जी

आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग केस में चिदंबरम को पांच दिनों की सीबीआई कस्टडी में भेजा गया है. इसी बीच इस केस की गवाह इंद्राणी मुखर्जी ने दावा किया है कि पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने उनसे अपने बेटे के कारोबार में मदद करने को कहा था. जानें क्या है पूरा मामला....

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Published : Aug 22, 2019, 10:44 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 10:28 PM IST

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और इंद्राणी मुखर्जी

नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार का मामला काफी हद तक इंद्राणी मुखर्जी की गवाही पर केंद्रित है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अपने बेटे कार्ति के कारोबर में मदद करने और आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड से मंजूरी के बदले विदेशों में भुकतान करने को कहा था.बता दें कि इंद्राणी मुखर्जी ने यह बात मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रहे जांचकर्ताओं को बताई थी.

पी चिदंबरम ने पीटर से उनके बेटे कार्ती के कारोबार में मदद करने के लिए कहा था और एफआईपीबी मंजूरी के बदले विदेशों में धन भेजने को कहा. इंद्राणी मुखर्जी ने 2017 में प्रवर्तन निदेशालय को लिखित गवाही में दावा किया कि वह 2008 में नई दिल्ली में एक होटल में कार्ति चिदंबरम से मिले थे, तब कार्ति ने कहा कि अगर 10 लॉख अमेरिकी डॉलर उसके या उसके सहयोगियों के विदेश स्थित खातों में भेजे जाते है तो मसले का समाधान हो सकता है.

पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति दोनों ने हालांकि, इन आरोपों से इनकार किया है. कार्ति ने बुधवार को कहा कि वह वह अपने जीवन में कभी भी मुखर्जी से नहीं मिले थे.

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बता दें कि इंद्राणी मुखर्जी और पति पीटर मुखर्जी आईएनएक्स मीडिया के प्रमोटर थे, और दोनों वर्तमान में अपनी 24 वर्षीय बेटी शीना की कथित तौर पर हत्या के मामले में जेल में हैं.

इंद्राणी मुखर्जी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज किया और कहा कि वह और उनके पति, चिदंबरम से 2008 में दिल्ली के उत्तरी ब्लॉक में उनके कार्यालय में मिले थे.

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मुखर्जी ने कहा, कार्ति को मामले की जानकारी थी. उसने कहा कि अगर 10 लाख डॉलर उसके या उसके सहयोगियों के विदेश स्थित खातों में भेजे जाते हैं तो मसले का समाधान हो सकता है,तब पीटर ने कहा था कि विदेशों में धन हस्तांतरण करना संभव नहीं है, कार्ति ने विकल्प के तौर पर दो कंपनियों चेस मैनेजमेंट और एंडवांटेज स्ट्रैटजिक का नाम सुझाया था.

ईडी ने जांच में पाया कि आईएनएक्स मीडीया ने 9.96 लाख एएससीपीएल को 2008 में चेक के जरिये दिये. एजेंसी के अनुसार यह आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी मंजूरी को लेकर एक दूसरे को लाभ पहुंचाने के एवज में था.

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अपने बयान में पीटर मुखर्जी ने ईडी से कहा कि उसने चिंदबरम से दो तीन बार मुलाकात की और हर बार बैठक मीडिया कारोबार के बारे में जानकारी देने के लिए शिष्टाचार मुलाकात थी. पीटर मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने अपनी पत्नी और एक अन्य व्यक्ति के साथ दिल्ली के हयात होटल में कार्ति से मुलाकात की थी.

पीटर ने कहा कि उनके कार्यकारी, जो कार्ति की फर्म के साथ काम कर रहे थे, ने उन्हें एक ईमेल भेजा, जिसमें कहा गया था कि उनके अंत में एक परिवर्तन हुआ है और भुगतान प्राप्त करने का एक अलग तरीका तैयार किया गया है. यह स्पष्ट नहीं है कि USD की शेष राशि 1 मिलियन थी, जो उस समय लगभग रु 5 से 6 करोड़ था.

Last Updated : Sep 27, 2019, 10:28 PM IST

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