छिंदवाड़ा : आमतौर पर गंदगी और उससे निकले हुए कचरे का कोई क्रेता नहीं होता. कचरा और सफाई की जंग तो बड़े स्तर पर लड़ी जा रही है, लेकिन कचरे के निष्पादन और निर्मूल करने के लिए जो समाज दिन-रात लगा रहता है, उसे भी तिरस्कार भरी नजरों से देखा जाता है.
हालांकि मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में अब कचरा इकट्ठा करना गरीबों के लिए वरदान साबित हो रहा है क्योंकि इस कचरे से गरीबों के पेट की आग बुझ रही है.
दरअसल सरकार ने प्लास्टिक मुक्त अभियान के तहत 'कचरा लाओ-खाना खाओ' की स्कीम शुरू की है. इसके तहत कचरा बीनने वालों को कचरा जमा करने पर भरपेट खाना दिया जाएगा.
कचरे को लोग रद्दी समझकर फेंक देते हैं, वही कचरा आजकल गरीबों की भूख मिटाने का माध्यम बन गया है. देश को स्वच्छ बनाने के लिए कुछ लोगों ने अपने हाथ बढ़ाए तो प्रशासन ने उन्हें प्रोत्साहन देकर उनकी इस मुहिम की तारीफ की. अब नगर निगम प्रतिदिन कचरा बीनने वालों को निःशुल्क खाना खिला रहा है.