दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

रुड़की की बेटी बनी लोको पायलट, पिता बोले - बेटी पर गर्व है - कठिन मेहनत और लगन के बाद मिली सफलता

उत्तराखंड के रुड़की शहर के मकतुलपुरी इलाके की एक मध्यम वर्ग परिवार की बेटी छवि कैंथ देश की बेटियों के लिए मिसाल बनी है. छवि का लोको पायलट के लिए चयन हुआ है. छवि की कठिन मेहनत और लगन के बाद मिली सफलता पर सभी को नाज हो रहा है. रुड़की की 27 वर्षीया छवि कैंथ जिले की पहली महिला होगी, जो ट्रेन चलाएगी. पढ़ें पूरी खबर...

फाइल फोटो

By

Published : Oct 9, 2019, 11:57 PM IST

देहरादून : जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का, फिर देखना फिजूल है कद आसमान का. इस कहावत को रुड़की की एक बेटी ने चरितार्थ कर दिखाया है. हरिद्वार जिले में रुड़की शहर के मकतुलपुरी इलाके की एक मध्यमवर्ग परिवार की बेटी छवि कैंथ का लोको पायलट के लिए चयन हुआ है.

छवि की कठिन मेहनत और लगन के बाद मिली सफलता पर सभी को नाज हो रहा है. फिलहाल छवि कैंथ गाजियाबाद में डेढ़ महीने की ट्रेनिंग पर हैं. ट्रेनिंग खत्म होने के बाद वह ट्रेन चलाती हुईं नजर आएगीं. वहीं, छवि का चयन होने के बाद परिवार में खुशी की लहर है.

बता दें कि, रुड़की शहर शिक्षानगरी के नाम से भी जाना जाता है. शिक्षानगरी को सार्थक करती रुड़की की 27 वर्षीया छवि कैंथ जिले की पहली महिला होंगी, जो ट्रेन चलाएंगी. छवि कैंथ का लोको पायलट के लिए सेलेक्शन हुआ है. छवि के पिता अनिल कैंथ रुड़की के लॉर्ड कृष्णा पब्लिक स्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात हैं. अनिल की दो बेटियां हैं. बड़ी बेटी छवि और छोटी बेटी अंजलि हैं. जो पिता को बेटों की कमी होने का अहसास तक नहीं होने देती हैं.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए छवि के पिता अनिल ने बताया कि वो मध्यम वर्ग परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनकी बड़ी बेटी छवि ने अपने कड़े परिश्रम से पूरे परिवार का गौरव बढ़ाया है. साथ ही बताया कि छवि का बीते दिनों रेलवे विभाग में लोको पायलट के लिए चयन हुआ है. जो फिलहाल गाजियाबाद में डेढ़ महीने की ट्रेंनिग पर है. जल्द ही ट्रेनिंग पूरी होने के बाद छवि अपनी ड्यूटी नजर आएंगी.

माता पिता के साथ छवि कैंथ

अनिल ने बताया कि ये सफलता कड़ी मेहनत का नतीजा है. बीते दो सालों से उनकी बेटी मोबाइल फोन, टीवी अन्य चीजों से दूर होकर मात्र पढ़ाई पर ध्यान देती थी. छवि ने 16-16 घंटे की पढ़ाई करने के बाद ये मुकाम हासिल किया है. वहीं, बेटे और बेटी में फर्क के सवाल पर उनका साफ कहना है कि बेटियां बेटों से कम नहीं है. बेटी पर गर्व है. उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में 70 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिसमें 65 हजार अभ्यर्थियों का चयन हुआ है.

ये भी पढ़ेंःजानिए क्यों समय के साथ नहीं चल पाया डाक विभाग, आखिर कहां हो गई चूक, पढ़िए Etv भारत की खास रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि दोनों बेटियों को अपना बेटा मानते हुए खूब पढ़ाया, जिसकी बदौलत आज उनकी बड़ी बेटी छवि लोको पायलट बनने जा रही है. साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल का आभार जताते हुए कहा कि पहली बार काबिलियत के बल पर बच्चों का सेलेक्शन हुआ है. बिना किसी भेदभाव और बिना सोर्स के नौकरी में चयन होना पारदर्शिता का प्रमाण है.

वहीं, छवि की छोटी बहन अंजलि का कहना है कि दीदी लगातार पढ़ाई करती थी. उनसे काफी प्रेरणा मिली है. साथ ही कहा कि बेटियां भी बेटों के बराबर हैं. उनका सपना अपने माता-पिता को गौरवान्वित महसूस कराना है. वो भी तैयारी कर रही है, जल्द ही परीक्षा में भाग लेकर माता-पिता को गर्व महसूस करना चाहती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details