नई दिल्ली : भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ा है. अब से थोड़ी देर के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर इसरो का चंद्रयान-2 लैंड होगा. इसके साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन जाएगा.
चंद्रयान-दो चांद की सतह पर खनिज का पता लगाएगा. चांद पर भूकंप आने का पता लगाएगा. ऐसे में इस अहम परियोजना पर दुनिया भर के देशों की निगाहें हैं.
चंद्रयान-2 का रोवर प्रज्ञान एआई-संचालित 6-पहिया वाहन है, इसका नाम 'प्रज्ञान' है, जो संस्कृत के ज्ञान शब्द से लिया गया है. इसका वजन 27 किग्रा है और इसमें 50 वॉट बिजली पैदा करने की क्षमता है. यह 500 मीटर (आधा किमी) तक यात्रा कर सकता है.
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रोवर प्रज्ञान काम करने के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करता है. यह लैंडर के साथ संवाद कर सकता है.
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प्रज्ञान, लैंडर विक्रम को जानकारी भेजेगा और लैंडर बेंगलुरु के पास ब्याललु स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क को जानकारी प्रसारित करेगा.
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