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चंद्रयान-2 : गुजरात के व्यवसायी का भी अहम है योगदान, जानें कैसे

मिशन चंद्रयान-2 भारत के लिए काफी महत्व रखता है. इस मिशन में कई बारिकियों पर ध्यान दिया गया है. सबसे बड़ी बात से है कि इस रॉकेट में कुछ पुरजे ऐसे हैं, जिन्हें सूरत में बनाया गया है. इस बारे में ईटीवी भारत ने कंपनी के मालिक से बातचीत की.

रॉकेट चंद्रयान-2 की तस्वीर

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Published : Jul 14, 2019, 10:47 PM IST

Updated : Jul 15, 2019, 12:09 AM IST

अहमदाबाद: चंद्रयान-2 के लॉन्च में बस अब कुछ ही घंटे बाकी रह गए हैं. भारत के लिए ये मिशन काफी अहम माना जा रहा है. पूरे देश में उत्साह है. इसी कड़ी में गुजरातवासियों में दोगुनीखुशीदिख रही है. जानिए क्या है इसकी वजह...

दरअसल, चंद्रयान-2 रॉकेट में कुछ भाग (पुरजे) ऐसे इस्तेमाल किये गए हैं, जिन्हें सूरत की एक कंपनी हिमसन्स सैरेमिक ने बनाया है. इस संबंध में ईटीवी भारत ने हिमसन्स सैरेमिक कंपनी के मालिक निमेश बचकानीवाला से बातचीत की.

बातचीत के दौरान निमेश ने सैरेमिक से बने इन पुरजों की खासियत बताई. उन्होंने कहा कि ये पुर्जे इतने अहम हैं, कि इनके बिना रॉकेट ऊपर जा ही नहीं सकता.

निमेश बचकानीवाला से हुई बातचीत

उन्होंने सैरेमिक से बने इन पुरजों के उपयोगों के बारे में बताते हुए कहा कि स्पेस में तापमान कई अधिक हो जाता है, जिससे रॉकेट के कुछ पुरजों के जलने की संभावना होती है. ऐसी स्थिति में सैरेमिक से बने ये पुर्जे तापामान अवरोधक का काम करते हैं.

पढ़ें:चंद्रयान-2 के लॉन्च में कुछ घंटे बाकी, जानें मिशन से जुड़ी बारिकियां

गौरतलब है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) हिमसन्स सैरेमिक के साथ वर्ष 1994 से संर्पक में है. इस दौरान ISRO को अमेरिकन और यूरोपियन कंपनियों ने बैन कर दिया था. उनका मकसद था कि कोई भी विदेशी कंपनी भारत को ये सामान न दे सके.

बचकानीवाला ने बताया कि इसके बाद ISRO ने भारत में जांच की और फिर हमारे पास आए, जिसके बाद से हम ISRO के लिए ये कार्य कर रहे हैं.

इस बात की खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि ये गुजरात के लिए बेहद खुशी की बात है. साथ ही साथ उन्होंने ये भी बताया कि इन पुरजों की सुरक्षा के लिहाज से उन्होंने 21 से 22 वर्षों तक ये बात अपने परिवार से छुपाकर रखी थी.

Last Updated : Jul 15, 2019, 12:09 AM IST

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