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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणा चुनावी बोनस : सीपीआई

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Published : Oct 12, 2020, 9:54 PM IST

सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने कहा कि बिहार चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह एक चुनावी बोनस है. केंद्र सरकार वित्तीय पैकेज से लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है. यह केवल कागजी कार्रवाई का एक हथकंडा है.

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बिनॉय विश्वम

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के विशेष त्योहार अग्रिम योजना की घोषणा करने के तुरंत बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने इसे चुनावी बोनस करार दिया. सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने नई दिल्ली में ईटीवी भारत को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि यह सरकार कर्मचारियों के डीए के एरियर का भुगतान करने में संकोच कर रही है. पीएसयू को पूरे देश में बेचने की कोशिश कर रही है. हर चीज का निजीकरण करने की कोशिश कर रही है. हम कैसे विश्वास कर सकते हैं कि यह सरकार अचानक श्रमिकों और कर्मचारी के बचाव में आ गई है? बिहार चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह एक चुनावी बोनस है. केंद्र सरकार वित्तीय पैकेज से लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है.

कांग्रेस को गंभीर आत्मनिरीक्षण की जरूरत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने सोमवार को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में इस वित्तीय वर्ष के अंत से पहले उपभोक्ता खर्च को प्रोत्साहित करने के लिए 73,000 करोड़ रुपये के उपायों की घोषणा की. मंत्री ने 2018-21 के दौरान एलटीसी के बदले नकद भुगतान देने की भी घोषणा की. सीतारमन ने यह भी घोषणा की कि सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारी त्योहार के विकल्प पर 31 मार्च 2021 तक खर्च करने के लिए ब्याज मुक्त अग्रिम 10,000 रुपये प्राप्त कर सकते हैं. विश्वाम ने कहा कि यह केवल कागजी कार्रवाई का एक हथकंडा है. विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता विशेषकर कांग्रेस के नेताओं के भाजपा में शामिल पर विश्वम ने कहा कि कांग्रेस को गंभीर आत्मनिरीक्षण की जरूरत है.

बिनॉय विश्वम

नेहरू और गांधी दर्शन को फिर से परिभाषित करें

विश्वाम ने कहा कि यह कांग्रेस की हालत को दर्शाता है कि आज पार्टी कितनी दयनीय है, कांग्रेस को गंभीरता से आत्मनिरीक्षण करना चाहिए. नेहरू और गांधी दर्शन को फिर से परिभाषित करने का प्रयास करना चाहिए. विश्वम सिने स्टार और कांग्रेस नेता खुशबू के भाजपा में शामिल होने का जिक्र कर रहे थे. विश्वम ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने बिहार में भाजपा के खिलाफ लड़ाई में पहल की. अन्य दलों को भी विचार करना चाहिए.

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