नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने स्वच्छ गंगा मिशन के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए 24000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.
नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार ने ETV Bharat से बातचीत में कहा, 'नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) में, हमने पिछले दो से तीन वर्षों में बहुत सफलता हासिल की है.
कुमार ने कहा, 'एनएमसीजी परियोजना के लिए मंजूर 29000 करोड़ रुपये में से 24000 करोड़ रुपये एसटीपी के लिए स्वीकृत हैं. कुल 151 एसटीपी में से 46 पहले ही पूरे हो चुके हैं और अन्य पूरा होने के करीब हैं.
एनएमसीजी के कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार से बातचीत. उन्होंने कहा कि एसटीपी सुनिश्चित करेगा कि अच्छा और उपचारित पानी नदी में बहाया जाए.
दिलचस्प यह है कि पिछले तीन वर्षों के दौरान दर्जन भर राज्यों में निजी कम्पनियों को एसटीपी परियोजना का काम दिया गया है, जहां से गंगा निकलती हैं.
स्वच्छ गंगा मिशन के लिए उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों को महत्व मिल रहा है.
इस क्रम में अडानी, शापूरजी जैसे उद्योगपतियों को साफ-सुथरी गंगा परियोजनाएं के लिए पुरस्कृत किया गया है.
सूत्रों ने कहा, अडानी समूह को दो परियोजनाएं मिली हैं. इसमें उत्तर प्रदेश में 1,671 करोड़ रुपये के सीवेज ट्रीटमेंट कार्य की परियोजना है और बिहार में 254 करोड़ रुपये का एसटीपी प्रोजेक्ट मिलने की संभावना है.
इसी तरह अन्य निजी कम्पनियों, जैसे शापूरजी पल्लोनजी प्राइवेट लिमिटेड, एस्सेल इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड, त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भी करोड़ों रुपये की एसटीपी परियोजनाओं का काम मिला है.
कुमार ने आगे कहा कि उनका विभाग खेत आदि से निकलने वाले स्रोत को कम करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है, ताकि कम से कम रासायनिक पानी नदी में जा सके.
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कुमार ने कहा, 'स्वच्छ गंगा बेशक एक सतत प्रक्रिया है. लेकिन हम सभी हितधारकों, विशेषकर नागरिकों की भागीदारी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं.
कुमार ने कहा, 'हमने प्रयागराज से गंगा सागर तक एक अभियान चलाया था और हमने इसमें आमुलचूल परिवर्चन पाया है. हम डॉल्फ़िन की संख्या में वृद्धि देख सकते हैं, जो खुद दिखाता है कि गंगा साफ हो रही है.
उन्होंने कहा कि लोगों की मानसिकता में बदलाव बहुत आवश्यक है.
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद गंगा की सफाई प्रमुख मुद्दों में एक बन गई थी. इसके लिए NMCG नाम का एक विभाग स्थापित किया गया था.