नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा से संबंधित एक अहम फैसला किया है. फैसले के अनुसार सुरक्षा कर्मियों को जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में हवाई मार्ग के रास्ते ही एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाए. इसका मतलब है कि पुलवामा जैसा हमला दोबारा होने की संभावना कम है.
इसके अंतर्गत सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बल आएंगे. ऐसा करके एक साल तक देखा जाएगा. ये फैसला सामने आई कई खुफिया रिपोर्टों को देखते हुए लिया गया है. रिपोर्टों का कहना है कि भारत विरोधी तत्व पुलवामा जैसे हमले को फिर अंजाम दे सकते हैं, जिसमें कई जवानों की जान जा सकती है.
पुलवामा हमले के बाद से सभी सीआरपीएफ कर्मियों को एक जगह से दूसरी जगह पुनर्स्थापित करने के लिए हवाई जहाजों से ही भेजा जा रहा है. बता दें, पुलवामा हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों की जान चली गई थी.