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राजस्थान : जोधपुर में भी 146 बच्चों की मौत, पायलट ने गहलोत पर साधा निशाना

राजस्थान के कोटा में एक अस्पताल में 107 बच्चों की मौत के बाद राजनीति तेज हो गई है. राज्य के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने इशारों में ही अपने ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि हम अपनी जिम्मेवारी से बच नहीं सकते हैं. इस बीच केन्द्र सरकार की भी एक टीम वहां पहुंची है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर.

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सचिन पायलट

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Published : Jan 4, 2020, 12:29 PM IST

Updated : Jan 4, 2020, 7:03 PM IST

नई दिल्ली/जयपुर : राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में हुई बच्चों की मौत पर राजनीति गर्म हो गई है. विपक्षी पार्टियों के अलावा खुद सरकार के अंदर भी इस मामले को लेकर टीका-टिप्पणी की जा रही है. प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेवारी से बच नहीं सकती है.

सचिन पायलट ने स्वीकार की खामियां
पायलट ने स्वीकार किया कि खामियां हैं. उन्होंने कहा कि 13 महीने के बाद हम पुरानी सरकारों को जिम्मेवार नहीं ठहरा सकते हैं. पायलट ने कहा कि हम इस मामले पर अधिक सहानुभूति से पेश आ सकते थे.

सचिन पायलट का बयान

आपको बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि अस्पताल में स्वास्थ्य मंत्री के जाने की कोई जरूरत नहीं थी. उन्होंने इस घटना को सामान्य घटना बताया. ऐसा ही बयान प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने दिया था. उनके इस बयान पर उनकी खूब आलोचना की गई.

अशोक गहलोत का बयान

इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का भी एक बयान सामने आया है. प्रियंका ने कहा कि उन्होंने इस घटना पर पूरी रिपोर्ट मांगी है. एक दिन पहले ही बसपा प्रमुख मायावती ने प्रियंका की चुप्पी पर सवाल उठाए थे.

एनएचआरसी ने लिया संज्ञान
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया है. आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने इस घटना को लेकर आई मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर यह संज्ञान लिया है.

ईटीवी भारत रिपोर्ट

लोकसभा अध्यक्ष कोटा में
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला शनिवार को कोटा पहुंचे. वे यहां से सांसद हैं. उन्होंने उन परिवारों से मुलाकात की, जिनके परिजनों की मौत हो गई.

ओम बिरला का बयान

सीएम के गृह नगर में स्थिति और खराब
कोटा की ही तरह सीएम के गृह नगर जोधपुर के डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज के शिशु विभाग से खबरें आ रही हैं. यहां भी हर दिन पांच बच्चों की मौतें हो रही हैं.

दिसंबर 2019 के आंकड़ों की बात करें तो यहां 146 बच्चों ने दम तोड़ा है. यही नहीं इनमें 98 नवजात है. आंकड़ा इसलिए ज्यादा है, क्योंकि साल 2019 में NICU, PICU में कुल 754 बच्चों की मौत हुई. यानि हर माह 62 की मौत, लेकिन दिसम्बर में अचानक यह आंकड़ा 146 तक जा पहुंचा. ऐसे में यहां की व्यवस्थाएं संदेह के घेरे में हैं.

बच्चों की मौत पर आंकड़े

कोटा के पीड़ितों ने क्या कहा

पीड़ितों का बयान

प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री के स्वागत में बिछाया गया था कालीन
जिस अस्पताल में इतने सारे बच्चों की मृत्यु हुई, वहां पर शुक्रवार को राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के स्वागत में हरे रंग का कालीन बिछाया गया. भाजपा और अन्य द्वारा इसकी आलोचना किए जाने के बाद जेके लोन अस्पताल प्रशासन ने मंत्री के आगमन से कुछ देर पहले ही कालीन हटा दिया.अस्पताल में स्वागत संबंधी तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि जब उन्हें कालीन के बारे में पता चला, तो उन्होंने तुरंत अधिकारियों को ऐसी चीजें न करने का निर्देश दिया.

कोटा मुद्दे पर प्रियंका बोलीं- जानकारी इकट्ठा करने गई है कांग्रेस टीम

महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा- हम रिपोर्ट सौंपेगे
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पिछले साल 900 से अधिक मौत होने के बाद भी राजस्थान सरकार नहीं चेती. महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि यह मामला स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़ा हुआ है और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग इसकी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगा.

पिछेल साल इस अस्पताल में 963 बच्चे की हुई थी मौत
राज्य के अधिकारियों द्वारा बताए गए आंकड़ों के अनुसार जे के लोन सरकारी अस्पताल में वर्ष 2019 में 963 बच्चों की मौत हुई थी, जबकि इसके पिछले वर्ष में यह आंकड़ा 1000 से ऊपर पहुंच गया था.

Last Updated : Jan 4, 2020, 7:03 PM IST

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