तेजपुर : केंद्र ने असम में तैनात सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को वापस बुलाने का फैसला किया है. क्योंकि केंद्र का मानना है कि राज्य में चरमपंथी गतिविधियों में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और यह शांति के लिए एक अच्छा संकेत माना जा रहा है.
केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा जवानों को कई चरणों में हटाया जाएगा. जवानों को हटाने से पहले जमीनी स्तर पर निगरानी की जाएगी.
गौरतलब है कि सेना को 1990 में आतंकवादी विरोधी अभियान के लिए असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में तैनात किया गया था.
ज्ञातव्य है कि केंद्र ने हाल ही में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) के अध्यक्ष सावरैग्वरा, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असोम इंडिपेंडेंट (ULFA) के अध्यक्ष के बरुआ के साथ के समझौते पर हस्ताक्षर किया था.