नई दिल्ली : अगले हफ्ते अयोध्या भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की उम्मीद की जा रही है. जाहिर है, ऐसे मेंकिसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई कदम उठाए गए हैं. गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को अयोध्या में सभी सुरक्षा तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए आगाह किया है.
दरअसल कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखने व किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर अयोध्या को किसी किले की तरह बदल दिया जाएगा. आतंकी खतरे के बारे में खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए मंत्रालय ने केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के आदेश पर पिछले सप्ताह जारी एक परिपत्र के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार को सचेत किया है. प्रदेश सरकार को पुलिस बल की अधिकतम तैनाती का निर्देश दिया गया है. वहीं सोशल साइट्स पर कोई अफवाह न फैले, इसलिए इन पर भी नजर रखने के आदेश हैं.
एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि अयोध्या में एक सार्वजनिक संबोधन प्रणाली (पब्लिक एड्रेस सिस्टम) को भी संचालित करने को कहा गया है.
ऐसी आशंका है कि असामाजिक तत्व लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़का सकते हैं. इसलिए परिपत्र में उप्र सरकार को राज्य में अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों पर नजर रखने और विशिष्ट स्थानों पर पुलिस बल तैनात करने के निर्देश भी दिए हैं.
सय्यद एहतेशाम हसनैन ने ईटीवी भारत से की बातचीत
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद या पहले अपनाए जाने वाले व्यवहार के बारे में पूछे जाने पर हसनैन ने कहा कि अगर आप वाकई में धर्म में विश्वास रखते हैं तो अपना व्यक्तित्व अच्छा बनाए रखें. उन्होंने मस्जिद को लेकर भी अपने विचार प्रकट किए.
ये भी पढ़ें- मौलाना मदनी आज RSS प्रमुख भागवत से मुलाकात करेंगे
आधा दर्जन आतंकी हमला करने के फिराक में
सूत्र ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी, पुलिस महानिदेशक ओ. पी. सिंह और अन्य विभागों को अंतिम समय में होने वाली गड़बड़ियों से बचने के लिए परिपत्र भेजे गए हैं.
खुफिया सूचनाओं के माध्यम से यह पता चला है कि लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे समूहों से जुड़े करीब आधा दर्जन आतंकी अपने पाकिस्तानी संचालकों के इशारे पर राज्य में आतंकी हमले करने के लिए नेपाल की सीमा से होकर उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर चुके हैं.
खुफिया जानकारी में चेतावनी दी गई है कि आतंकवादी अयोध्या और आसपास के शहरों में छिपे हो सकते हैं. उनमें से कुछ की पहचान कथित तौर पर मोहम्मद याकूब, अबू हमजा, मोहम्मद शाहबाज, निसार अहमद और मोहम्मद कौमी चौधरी के रूप में हुई है.