तंजावुर : प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को हिन्द महासागर क्षेत्र (आईओआर) में चीन की बढ़ती मौजूदगी को अधिक महत्व नहीं दिया और कहा कि प्रत्येक देश अपनी सुरक्षा को रणनीतिक नजरिए से देखता है.
जनरल रावत ने तमिलनाडु के तंजावुर स्थित एयर फोर्स स्टेशन में सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान को शामिल किए जाने के मौके पर यह बात कही. उनसे पूछा गया था कि हिन्द महासागर में चीन की मौजूदगी किस प्रकार भारत के लिए चुनौती है.
लड़ाकू जहाजों का बेड़ा शामिल होने से भारतीय क्षमताओं को बढ़त मिलने की उम्मीद है, खासतौर से हिन्द महासागर क्षेत्र में, जहां चीन की मौजूदगी भी बढ़ रही है.
अफ्रीका के ऊपरी हिस्से में जिबूती में चीन का एक सैन्य आधार मौजूद है, और वह अपनी मौजूदगी बढ़ाने की फिराक में है. उन्होंने कहा, 'प्रत्येक राष्ट्र अपनी सुरक्षा को अपने रणनीतिक नजरिए से देखता है.'
जनरल रावत ने संवाददाताओं से कहा, 'समुद्र आवाजाही की स्वतंत्रता के लिए हैं. और इसलिए आप देखेंगे कि यदि किसी देश का किसी खास क्षेत्र में हित है तो वह उस क्षेत्र में आकर क्षेत्र में प्रभुत्व कायम करने की कोशिश करता है ताकि उसे आवाजाही की आजादी हो.'
किसी भी देश द्वारा समुद्री व्यापारिक मार्ग के संरक्षण जैसे पहलुओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, 'इसलिए, मैं नहीं सोचता हूं कि उसे उस नजरिए (चीन से मिलने वाली चुनौती) से देखना चाहिए.'