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पूर्वी लद्दाख में दुस्साहस का अप्रत्याशित परिणाम भुगत रही है चीनी सेना : सीडीएस - पाकिस्तान की सेना

सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सीमा पर झड़पों, अतिक्रमण और बिना उकसावे की सामरिक सैन्य कार्रवाइयों के बड़े संघर्षों में बदलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. भारत का रुख स्पष्ट है कि हम वास्तविक नियंत्रण रेखा में कोई बदलाव स्वीकार नहीं करेंगे.

CDS Gen Rawat
सीडीएस जनरल बिपिन रावत

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Published : Nov 6, 2020, 3:59 PM IST

Updated : Nov 6, 2020, 8:07 PM IST

नई दिल्ली : प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) पूर्वी लद्दाख में अपने दुस्साहस के लिए अप्रत्याशित परिणाम भुगत रही है. पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं और भारत का रुख स्पष्ट है कि हम वास्तविक नियंत्रण रेखा में कोई बदलाव स्वीकार नहीं करेंगे.

बड़े संघर्ष में बदलने की आशंका से इनकार नहीं

जनरल रावत ने राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय की ओर आयोजित सम्मेलन में कहा कि सीमा पर झड़पों, अतिक्रमण और बिना उकसावे की सामरिक सैन्य कार्रवाइयों के बड़े संघर्षों में बदलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख में हाड़ जमा देने वाली ठंड में भारत के लगभग 50,000 सैनिक किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पर्वतीय ऊंचाइयों पर तैनात हैं. छह महीने से चले आ रहे इस गतिरोध को लेकर दोनों देशों के बीच पूर्व में हुई कई दौर की बातचीत का अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है. अधिकारियों के अनुसार चीनी सेना ने भी लगभग 50,000 सैनिक तैनात कर रखे हैं. भारत कहता रहा है कि सैनिकों को हटाने और तनाव कम करने की जिम्मेदारी चीन की है.

बिपिन रावत का बयान

पाकिस्तान और चीन मिलकर काम कर रहे

जनरल रावत ने पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद के मामले पर भी बात की. उन्होंने सुरक्षा चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि परमाणु हथियारों से सम्पन्न पड़ोसियों (पाकिस्तान एवं चीन) के साथ लगातार टकराव के कारण क्षेत्रीय सामरिक अस्थिरता पैदा होने और उसके बढ़ने का खतरा है. जनरल रावत ने कहा कि दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के लगातार छद्म युद्ध और भारत के खिलाफ बयानबाजी के कारण भारत और पाकिस्तान के संबंध और भी खराब हो गए हैं.

पाकिस्तान में अस्पष्टता और अनिश्चितता

जनरल रावत ने कहा कि भारत के सर्जिकल हमलों ने कड़ा संदेश दिया है कि पाकिस्तान अब नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों को भेजने के बाद बच नहीं सकता. आतंकवाद से निपटने के भारत के नए तरीके के कारण पाकिस्तान में अस्पष्टता और अनिश्चितता पैदा हो गई है. आंतरिक समस्याओं, अर्थव्यवस्था के ढहने, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग होने और आम नागरिकों एवं सेना के बीच खराब संबंधों के बावजूद पाकिस्तान लगातार यह दिखाता रहेगा कि कश्मीर उसका अधूरा एजेंडा है. पाकिस्तान की सेना युद्ध लड़ने की अपनी क्षमताओं को बरकरार रखने के लिए धन की आवश्यकता को सही ठहराने के लिए भारत से अपने अस्तित्व को खतरे का हौव्वा दिखाती रहेगी.

Last Updated : Nov 6, 2020, 8:07 PM IST

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