नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रविवार को महाराष्ट्र स्थित किलहोनी कोयला ब्लॉक को 1998 में निप्पन डेनरो इस्पात लिमिटेड को आवंटित करने में हुई कथित अनियमितताओं के सिलसिले में नया मामला दर्ज किया है.
सीबीआई ने नई प्राथमिकी में कहा है कि निप्पन डेनरो इस्पात लिमिटेड को किलहोनी कोयला ब्लॉक का आवंटन करने के बारे में जांच समिति की 24 अगस्त 1998 को हुई 13वीं बैठक में चर्चा हुई थी.
समिति ने कोल इंडिया लिमिटेड से कहा था कि वह किलहोनी ब्लॉक को ‘खुद के इस्तेमाल (कैप्टिव माइनिंग) की श्रेणी में शामिल करे.
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि किलहोनी कैप्टिव माइनिंग के लिए पहचाने गये कोयला ब्लॉक की सूची में शामिल नहीं थी.
कोलइंडिया लिमिटेड की शीर्ष समिति इसका आवंटन निप्पन डेनरो इस्पात लिमिटेड को करने के लिए तैयार नहीं थी.
आपको बता दें कि सीबीआई ने कांग्रेस के तत्कालीन सांसद संदीप दीक्षित की शिकायत पर 1993 से 2005 के दौरान कोयला खंडों के आवंटन में हुई कथित अनियमितताओं की सात साल तक जांच करने के बाद निप्पन देनरो इस्पात लिमिटेड के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
प्राथमिकी में कहा गया है कि 'निप्पन डेनरो इस्पात लिमिटेड ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर भारत सरकार के साथ धोखा करने का आपराधिक षडयंत्र रचा और धारा 120बी, 420 और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत अपराध को अंजाम दिया है.