नई दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बैंक धोखाधड़ी मामले में शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण संबंधी आदेश के खिलाफ ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अपील की अनुमति संबंधी उसकी अर्जी वहां की एक अदालत से खारिज हो जाने को बहुत बड़ी जीत और 'मील का पत्थर' करार दिया है.
माल्या के पास हाईकोर्ट के फैसले पर ऊपरी अदालत में जाने की अनुमति मांगने के लिए अपना नवीनतम आवेदन दायर करने के लिए 14 दिनों का समय था. हाईकोर्ट ने 20 अप्रैल को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट के प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ उसकी अपील खारिज कर दी थी. इस आदेश को ब्रिटेन के गृहमंत्री ने सत्यापित किया था.
इस नवीनतम फैसले को उद्घोषणा बताया जा रहा है, जिसका मतलब है कि भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि के तहत ब्रिटेन का गृह विभाग माल्या को 28 दिन के अंदर भारत को सौंपने के लिए अदालती आदेश को अब संभवत: औपचारिक रूप से सत्यापित करेगा.