भोपाल : पोल कैश मामले में नया मोड़ आया है. कमलनाथ सरकार के दौरान प्रदेश में हुए आयकर छापों की कार्रवाई को लेकर सीबीडीटी की रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं. कमलनाथ सरकार के तीन तत्कालीन मंत्रियों पर भी गाज गिर सकती है.
सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) कमलनाथ सरकार के कार्यकाल के दौरान तीन विभागों के कामकाज और मंत्रियों की भूमिका की जांच करने की बात कही है. महिला एवं बाल विकास विभाग की तत्कालीन मंत्री इमरती देवी, परिवहन विभाग के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और खनिज विभाग के मंत्री प्रदीप जायसवाल इसमें शामिल हैं.
हालांकि अब इमरती देवी और गोविंद सिंह कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं. प्रदीप जायसवाल बीजेपी को समर्थन दे रहे हैं. जिसके बदले उन्हें खनिज विकास निगम का अध्यक्ष बनाकर मंत्री स्तर का दर्जा दिया गया है.
तीन तत्कालीन मंत्रियों पर गिर सकती है गाज
कमलनाथ सरकार के दौरान तीन तत्कालीन मंत्रियों भी इसके लपेटे में हैं और उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) ने जो रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजा है उसमें साफ तौर पर महिला एवं बाल विकास विभाग, खनिज विभाग और परिवहन विभाग के तत्कालीन मंत्रियों की भूमिका की जांच की बात कही गई है. लिहाजा आने वाले दिनों में इन विभागों के मंत्री रहे गोविंद सिंह राजपूत, प्रदीप जायसवाल और इमरती देवी पर जांच की तलवाक लटक रही है. जांच के बाद इन तीनों के खिलाफ ईओडब्ल्यू कार्रवाई भी कर सकता है.
कांग्रेस का दामन छोड़ चुके हैं सभी नेता
मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में इमरती देवी चुनाव हार गईं. जीत के बाद गोविंद सिंह राजपूत मंत्री पद के दावेदार हैं. उपचुनाव से पहले बीजेपी ने गोविंद सिंह राजपूत को मंत्रिमंडल में शामिल किया था. यानी जिन तीन तत्कालीन मंत्रियों की भूमिका की जांच की बात कही जा रही है. अब वह तीनों ही बीजेपी में हैं और प्रदेश में बीजेपी की सरकार है.