देहरादून : हरिद्वार शांतिकुंज प्रमुख डॉ. प्रणव पांड्या और उनकी पत्नी के खिलाफ हरिद्वार में मुकदमा दर्ज किया गया है. इससे पहले दिल्ली में छत्तीसगढ़ निवासी एक शिष्या ने दोनों के खिलाफ जीरो एफआईआर दर्ज कराई थी. शांतिकुंज प्रमुख पर दुष्कर्म और धमकी देने का आरोप लगाया था. महिला के आरोप पर शांतिकुंज प्रमुख का खंडन भी आया था.
शांतिकुंज प्रमुख ने पूरे मामले को उनके खिलाफ साजिश करार दिया था. उन्होंने कहा था कि उनके ही संस्थान में रहकर उनके खिलाफ साजिश की गई है. महिला से बेवजह का आरोप लगवाकर उनसे पिछले 10 सालों से पैसों की मांग की जा रही है. शांतिकुंज प्रमुख ने कहा था कि वो अब भी उस व्यक्ति का बुरा नहीं चाहते. उसने अपनी पत्नी के माध्यम से उनपर यह आरोप लगाया है और वो बस इतना चाहते हैं कि उसे इस ब्लैकमेलिंग के तहत पैसे मिल सकें, लेकिन ऐसा नहीं होगा.
लड़की की जीरो एफआईआर अब दिल्ली से शहर कोतवाली ट्रांसफर हो गई है. हरिद्वार एसएसपी ने इस हाई प्रोफाइल मामले की जांच के लिए तत्काल ही एक टीम गठित कर जांच की कमान महिला हेल्पलाइन की इंचार्ज मीना आर्या को सौंपी है. मामले में एसएसपी हरिद्वार ने बताया कि मामले की जांच की जिम्मेदारी मीना आर्या करेंगी. उनके साथ कोतवाली ज्वालापुर के प्रभारी योगेश देव सहयोग करेंगे. साथ ही सीओ सदर पूर्णिमा गर्ग करेंगी इस टीम का हिस्सा होंगी.
पुलिस को दिए बयान में पीड़िता ने कहा था कि साल 2010 में जब वह 14 साल की थी तो 19 मार्च 2010 को गांव के एक व्यक्ति संग हरिद्वार पहुंची, जहां शांतिकुंज गायत्री परिवार में अच्छा भोजन, साधना, पढ़ाई और शादी का बहाना देकर चौके में भोजन व्यवस्था का काम दिलाया. 21 मार्च 2010 को उसे भोजन और प्रसाद बनाने के लिए रखा गया था.